Infosys के CEO पारेख ने SEBI के साथ भेदिया कारोबार मामले का निपटान किया
यह मामला इन्फोसिस के शेयरों में भेदिया कारोबार के कथित मामले में 29 जून, 2020 से 27 सितंबर, 2021 के बीच सेबी की जांच से सामने आया। जांच में पाया गया कि कुछ ‘अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील सूचना’ (यूपीएसआई) जानकारी को इन्फोसिस ने ऐसा नहीं माना था।
नयी दिल्ली। दिग्गज सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इन्फोसिस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख ने बाजार नियामक सेबी को 25 लाख रुपये का भुगतान कर भेदिया कारोबार नियमों के कथित उल्लंघन के मामले का निपटान कर लिया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा पारित आदेश के अनुसार, वह (पारेख) कथित तौर पर भेदिया कारोबार को रोकने के लिए अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु आंतरिक नियंत्रण की ‘पर्याप्त और प्रभावी प्रणाली’ स्थापित नहीं कर सके।
यह मामला इन्फोसिस के शेयरों में भेदिया कारोबार के कथित मामले में 29 जून, 2020 से 27 सितंबर, 2021 के बीच सेबी की जांच से सामने आया। जांच में पाया गया कि कुछ ‘अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील सूचना’ (यूपीएसआई) जानकारी को इन्फोसिस ने ऐसा नहीं माना था। नवीनतम निर्णय तब आया जब पारेख ने सेबी को एक समझौता आदेश के माध्यम से ‘तथ्यों के निष्कर्षों को स्वीकार या अस्वीकार किए बिना’ कथित उल्लंघनों का निपटान करने का प्रस्ताव दिया।
इसे भी पढ़ें: महाराष्ट्र की आर्थिक वृद्धि दर 2023-24 में 7.6 प्रतिशत रही : Economic Review
सेबी ने बुधवार को जारी आदेश में कहा, “सेबी द्वारा निपटान शर्तों की स्वीकृति और निपटान राशि की प्राप्ति के मद्देनजर, आवेदक (पारेख) के खिलाफ तीन अगस्त, 2023 को कारण बताओ नोटिस के तहत शुरू की गई निर्दिष्ट कार्यवाही का निपटारा किया जाता है।” यह मामला जुलाई, 2020 में इन्फोसिस और अमेरिका स्थित संपत्ति प्रबंधन कंपनी वैनगार्ड के बीच साझेदारी की घोषणा से संबंधित है।
अन्य न्यूज़