इंफोसिस का संस्थापकों की हिस्सेदारी बेचने संबंधी खबर से इंकार
आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनी इंफोसिस ने आज इस खबर का खंडन किया कि एनआर नारायणमूर्ति समेत उसके सह-संस्थापक कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं।
बेंगलुरू। आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनी इंफोसिस ने आज इस खबर का खंडन किया कि एनआर नारायणमूर्ति समेत उसके सह-संस्थापक कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं। कंपनी ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘हम प्रवर्तकों द्वारा अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना की अटकल लगाते हुए मीडिया में आयी खबर पर स्पष्टीकरण देना चाहेंगे कि प्रवर्तकों द्वारा इस अटकल से स्पष्ट रूप से इनकार किया गया है।’’ देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी मीडिया की इस खबर पर प्रतिक्रिया दे रही थी कि नारायण मूर्ति, नंदन नीलेकणि, क्रिस गोपालकृष्णन, एसडी शिबूलाल और के. दिनेश कंपनी में 28000 करोड़ रुपये की अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहे हैं।
बयान में कहा गया है, ‘‘कंपनी यह दोहराती है कि उसे ऐसी किसी घटनाक्रम की जानकारी नहीं है। हम मीडिया से ऐसी अटकल आधारित स्टोरी को हवा नहीं देने की अपील करते हैं क्योंकि इससे कंपनी और उसके शेयरधारकों के हितों को नुकसान पहुंच सकता है।’’ एक अंग्रेजी दैनिक में इस तरह का समाचार प्रकाशित हुआ है कि इनफोसिस के प्रवर्तक अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं क्योंकि तीन साल पहले उनके हटने के बाद से जिस तरीके से कंपनी चलायी जा रही है, उससे वे खुश नहीं हैं।
कंपनी के सह-संस्थापकों का कोरपोरेट शासन और शीर्ष कार्यकारियों की तनख्वाह समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर वर्तमान प्रबंधन के साथ खुला टकराव हो चुका है। उन्होंने फरवरी में कंपनी के निदेशक मंडल को पत्र लिखकर कई फैसलों पर प्रश्न खड़ा किया था जिनमें पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी राजीव बंसल को हटाने के लिए दिया गया पैकेज भी शामिल था। उन्होंने मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का के 1.1 करोड़ रुपये वेतनवृद्धि पर भी सवाल उठाया था।
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