MSME क्षेत्र के निर्यातकों के लिए ब्याज सहायता बढ़कर हुई 5 प्रतिशत: RBI
सूक्ष्म, लघु एवं मझौली क्षेत्र की इकाइयों (एमएसएमई) के निर्यातकों के लिये निर्यात माल भेजने से पहले और बाद के कर्ज पर दी जाने वाली ब्याज सहायता को तीन प्रतिशत से बढाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
मुंबई। सूक्ष्म, लघु एवं मझौली क्षेत्र की इकाइयों (एमएसएमई) के निर्यातकों के लिये निर्यात माल भेजने से पहले और बाद के कर्ज पर दी जाने वाली ब्याज सहायता को तीन प्रतिशत से बढाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। रिजर्व बेंक ने वृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि बढ़ी हुई ब्याज सहायता दो नवंबर से प्रभावी होगी। निर्यातकों को निर्यात माल भेजने से पहले और बाद के रुपया निर्यात ऋण की ब्याज समानीकरण योजना के तहत सरकार की ओर से सहायता दी जाती है।
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आरबीआई ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि भारत सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र के विनिर्माताओं के निर्यात पर दो नवंबर से ब्याज समानीकरण योजना के तहत ब्याज सहायता को तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। यह सहायता निर्यात माल भेजने के पहले व बाद में दिये जाने वाले रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज समानीकरण योजना के तहत दी जाती है।
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इससे पहले इस योजना को ब्याज सहायता योजना के नाम से जाना जाता था। सरकार ने नई योजना को नवंबर 2018 को घोषित किया। यह एमएसएमई क्षेत्र के सभी निर्यातों और 416 टैरिफ लाइंस पर लागू होती है।
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