अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम मणपुरम फाइनेंस में करेगा 3.5 करोड़ डॉलर का निवेश
विज्ञप्ति के अनुसार विश्वबैंक समूह का हिस्सा आईएफसी मणपुरम फाइनेंस में 3.5 करोड़ डालर निवेश करेगा।इसका मकसद कम आय वाले परिवार तथा छोटे उद्यमों को उनके पास उपलब्ध सोने के एवज में कर्ज सुलभ कराने में मदद करना है।
नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी मणपुरम फाइनेंस में 3.5 करोड़ डालर (240 करोड़ रुपये से अधिक) निवेश करेगा।आईएफसी विश्व बैंक की एक इकाई है। आईएफसी और मणपुरम फाइनेंस ने मंगलवार को संयुक्त विज्ञप्ति में कहा कि इस निवेश से कम आय वाले परिवार तथा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) तक स्वर्ण कर्ज की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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विज्ञप्ति के अनुसार विश्वबैंक समूह का हिस्सा आईएफसी मणपुरम फाइनेंस में 3.5 करोड़ डालर निवेश करेगा।इसका मकसद कम आय वाले परिवार तथा छोटे उद्यमों को उनके पास उपलब्ध सोने के एवज में कर्ज सुलभ कराने में मदद करना है। आईएफसी ने कहा कि यह स्वर्ण कर्ज से जुड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी में उसका पहला निवेश है। यह देश के वित्तीय क्षेत्र की मजबूती को बढ़ाने के साथ वित्तीय समावेश के रणनीति लक्ष्य से जुड़ा है।
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सोने के बदले कर्ज देने वाली कंपनियां वैसे ग्राहकों तथा एमएसएमई को ऋण सुलभ कराती हैं जिन्हें यह आसानी से उपलब्ध नहीं होता है। साथ ही उन्हें बिना आय सबूत के सोने को बाजार पर चढ़ाने का मौका उपलब्ध कराती हैं। आईएफसी के भारत में क्षेत्रीय प्रमुख जुन झांग ने कहा, ‘‘हम सोने के बदले कर्ज देने वाली वित्तीय कंपनी में पहली बार निवेश कर रहे हैं। इसका उद्देश्य ग्रामीण तथा गरीब परिवारों के लिये एक अवसर उपलब्ध कराना है ताकि वे सूदखोरों या अन्य स्रोतों के बजाए संगठित क्षेत्र से ऋण ले सके।
उन्होंने कहा कि इस निवेश के जरिये आईएफसी घरों में निष्क्रिय पड़े सोने को बाहर लाने और उसके उपयोग की भारत सरकार के लक्ष्य को पूरा करने में सहायता कर रहा है। विश्व स्पर्ण परिषद के अनुसार भारत के पास 23,000 टन सोना है जिसका बाजार मूल्य करीब 1,000 अरब डालर है।
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— Business Line (@businessline) May 28, 2019
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