इरडा चेयरमैन ने कहा, यूपीआई की तरह बीमा क्षेत्र के लिए 'बीमा सुगम' परिवर्तनकारी होगा

Debasish Panda
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भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) पॉलिसी की बिक्री, नवीकरण और दावों के निपटारे समेत विभिन्न सेवाओं के लिए एक मंच की सुविधा देने वाले ‘बीमा सुगम’ पर काम कर रहा है।

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) पॉलिसी की बिक्री, नवीकरण और दावों के निपटारे समेत विभिन्न सेवाओं के लिए एक मंच की सुविधा देने वाले ‘बीमा सुगम’ पर काम कर रहा है। प्रौद्योगिकी से लैस यह पोर्टल देशभर के ग्राहकों को सुगम अनुभव देकर बीमा की पैठ का विस्तार करेगा। बीमा नियामक इरडा के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि बीमा सुगम बीमा उद्योग के लिए उसी तरह परिवर्तनकारी होगा जिस तरह से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने देश में डिजिटल भुगतान को बदलकर रख दिया है।

पांडा ने कहा, ‘‘बीमा सुगम से बीमा की खरीद-बिक्री, पॉलिसी से जुड़े कार्यों, दावों का निपटारा जैसे सभी काम हो सकेंगे। बीमा कंपनियां इस मंच पर आ सकती हैं, इसमें ‘एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) के माध्यम से काम होंगे।’’ उन्होंने बताया कि एजेंट, वेब एग्रीगेटर (विभिन्न कंपनियों की पॉलिसी आदि की जानकारी देने वाली वेबसाइट) समेत सभी बीमा मध्यवर्ती की इस पोर्टल तक पहुंच होगी। उन्होंने कहा कि जहां तक बीमा पॉलिसीधारकों की बात है तो वे सीधे भी उत्पाद खरीद सकते हैं या फिर मदद लेकर ऐसा कर सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा, ‘‘हो सकता है कि कई लोग सहायता लेकर यह करना चाहें और इसके लिए किसी मध्यवर्ती को चुनें।’’ यह मंच पॉलिसीधारकों और संभावित ग्राहकों को उत्पाद, कंपनी और भुगतान के कई विकल्प देगा। पांडा ने कहा, ‘‘यह शॉपिंग मॉल की तरह है जहां आप जाकर खरीद कर सकते हैं। जहां तक केवाईसी की बात है, तो यह आधार संख्या के जरिये होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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