स्टार्ट अप्स को ‘एंजल टैक्स’ का मुद्दा वित्त मंत्रालय के साथ उठाया: प्रभु
मणिपाल एजुकेशन के चेयरमैन टी वी मोहनदास पई ने ट्वीट कर इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह किया था। पई के ट्वीट के जवाब में प्रभु ने यह प्रतिक्रिया दी है।
नयी दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने स्टार्टअप्स को भेजे गए ‘एंजल कर’ के मुद्दे को वित्त मंत्रालय के साथ उठाया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। कई स्टार्टअप्स ने आयकर कानून की धारा 56 के तहत एंजल कोषों पर कराधान को लेकर चिंता जताई है। यह धारा किसी इकाई को मिले कोष पर कराधान की अनुमति देता है। प्रभु ने कहा, ‘‘हमने इस मुद्दे को उठाया है।’’
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मणिपाल एजुकेशन के चेयरमैन टी वी मोहनदास पई ने ट्वीट कर इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह किया था। पई के ट्वीट के जवाब में प्रभु ने यह प्रतिक्रिया दी है। आयकर विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि एंजल कर के लिए जिन स्टार्टअप्स को नोटिस भेजा गया है संभवत: उनको औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) से मान्यता नहीं है।
Folks pl send any tax notice on Angel Tax to [email protected] so that we can take this to Finmin, commerce and PMO https://t.co/EFEPSd5PsB
— Mohandas Pai (@TVMohandasPai) December 19, 2018
इससे पहले अप्रैल में सरकार ने स्टार्टअप्स को राहत देते हुए उन्हें कर छूट की अनुमति दी है। सरकार ने कहा था कि जिन स्टार्टअप्स का कुल निवेश एंजल निवेशकों से मिले कोष को मिलाकर 10 करोड़ रुपये को पार नहीं करता है उन्हें कर रियायत की अनुमति होगी।
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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार किसी स्टार्टअप में हिस्सेदारी लेने वाले एंजल निवेशक का नेटवर्थ कम से कम दो करोड़ रुपये होना चाहिए या फिर पिछले तीन वित्त वर्षों में उनकी औसत रिर्टन वाली आय 25 लाख रुपये से अधिक होनी चाहिए।
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