जेटली का इनकार, नहीं होगा सरकारी बैंकों का निजीकरण

Jaitley denies privatization of government banks
[email protected] । Feb 24 2018 3:03PM

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की संभावना से इनकार किया है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में सामने आए 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले के संदर्भ में वित्त मंत्री ने यह बात कही।

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की संभावना से इनकार किया है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में सामने आए 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले के संदर्भ में वित्त मंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को राजनीतिक रूप से स्वीकार नहीं किया जाएगा।

इकनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि पीएनबी घोटाले के बाद काफी लोगों ने निजीकरण की बात शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए बड़ी राजनीतिक सहमति की जरूरत है। साथ ही बैंकिंग नियमन कानून का भी संशोधन करना पड़ेगा। मुझे लगता है कि भारत में राजनीतिक रूप से इस विचार के पक्ष में समर्थन नहीं जुटाया जा सकता। यह काफी चुनौतीपूर्ण फैसला होगा।’’ 

उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष राशेष शाह ने शुक्रवार को वित्त मंत्री से मुलाकात कर चरणबद्ध तरीके से बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह कहा था। शाह ने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र में सिर्फ दो-तीन बैंक होने चाहिए। नीरव मोदी द्वारा पीएनबी से घोटाला किए जाने के बाद से निजीकरण की मांग उठने लगी है। उद्योग मंडल एसोचैम ने भी सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 50 प्रतिशत से कम पर लाने को कहा है। कुछ उद्योगपतियों ने भी बैंकों के निजीकरण का समर्थन किया है।

गोदरेज समूह के आदि गोदरेज का कहना है कि निजी क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी बिलकुल नहीं होगी या बहुत कम होगी। बजाज समूह के प्रमुख राहुल बजाज भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के पक्ष में हैं।

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