जियो इंस्टिट्यूट को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा देना साहसिक निर्णय: पनगढ़िया

jio Institute to give status of excellent institution'' to bold decision
[email protected] । Jul 13 2018 4:05PM

वाशिंगटन। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने जियो इंस्टिट्यूट को सरकार द्वारा उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साहसिक राजनेता ठहराया है।

वाशिंगटन। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने जियो इंस्टिट्यूट को सरकार द्वारा ‘ उत्कृष्ट संस्थान ’ का दर्जा दिए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "साहसिक राजनेता" ठहराया है। अमेरिका - भारत रणनीतिक एवं साझेदारी फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर पनगढ़िया ने कल यह बात कही। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किये गये आर्थिक सुधारों के परिणामस्वरूप भारत अगले 15-20 वर्षों में " तेज गति " से विकास के लिए तैयार है। उन्होंने जियो इंस्टिट्यूट को ' उत्कृष्ट संस्थान ' का दर्जा दिए जाने के संदर्भ में कहा कि मोदी उन साहसिक नेताओं में से एक हैं , जिन्हें मैंने देखा है या फिर जिनके संपर्क में आया। 

भारत के माहौल को देखते हुए कोई भी प्रधानमंत्री किसी ऐसी चीज के बारे में घोषणा करने से पहले दो - तीन बार सोचता है , जो अभी अस्तित्व में ही नहीं आई है क्योंकि इसके बाद प्रेस का दबाव झेलना होता है। पनगढ़िया ने कहा कि यही वो चीज है जिसकी आपको जरूरत है क्योंकि किसी नए संस्थान की शुरूआत से ही आप नियम बना सकते हैं जबकि पहले से मौजूद संस्थान में बदलाव करना ज्यादा कठिन है। आर्थिक वृद्धि को लेकर पनगढ़िया ने कहा, "चीन ने पिछले 15-20 सालों में आर्थिक वृद्धि हासिल की है, हम भारत को अगले 15-20 वर्षों में वो मुकाम हासिल करता हुए देंखेगे। इसी प्रकार की तेज गति से भारत आगे बढ़ेगा। 

वर्तमान में भारत की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत है। यह दुनिया की किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था से ज्यादा है। यह सब अमेरिका सहित अन्य देशों से निवेश के कारण संभव हुआ है। यह आगे भी जारी रहेगा। हालांकि, अब तक अमेरिका बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को लेकर ज्यादा इच्छुक नजर नहीं आया है। भारत सरकार को इस दिशा में निवेश बढ़ाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष मुकेश आघी के सवाल पर पनगढ़िया ने उन मीडिया रपटों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया है कि भारत में रोजगार रहित विकास है। उन्होंने जोर दिया कि भारतीय प्रेस में रोजगार को लेकर सही तथ्य सामने नहीं आए हैं , जिसके चलते भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। पनगढ़िया ने कहा कि बुनियादी बात यह है कि जब कोई देश 7.3 प्रतिशत की वृद्धि दर से बढ़ रहा है तो यह रोजगार सृजन के बिना संभव ही नहीं है। यह पूरी धारणा ही गलत है कि नौकरियां सृजित नहीं हो रही हैं। 

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