‘जर्जर’ हालत में हैं कोलकाता के सात पुल, मरम्मत की जरूरत- PWD

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[email protected] । Sep 14 2018 12:39PM

पश्चिम बंगाल में चार सितंबर को माजेरहाट पुल का एक हिस्सा ढहने की घटना की पृष्ठभूमि में राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने शहर के सभी पुलों का निरीक्षण करने के बाद कहा कि सात पुलों की हालत बेहद ‘जर्जर’ है।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चार सितंबर को माजेरहाट पुल का एक हिस्सा ढहने की घटना की पृष्ठभूमि में राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने शहर के सभी पुलों का निरीक्षण करने के बाद कहा कि सात पुलों की हालत बेहद ‘जर्जर’ है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इन पुलों के तत्काल मरम्मत की जरूरत है। यह सात पुल उन 20 पुलों में शामिल हैं जिनकी पहचान पीडब्ल्यूडी ने “खस्ताहाल” ढांचों के तौर पर की है।

पीडब्ल्यूडी अधिकारी ने पीटीआई- बताया कि सात पुल जिन्हें ‘‘जर्जर’’ या ‘‘सबसे कमजोर” माना गया है उनमें बिजोन सेतु, गौरीबाड़ी ऑरोबिंदो सेतु, बेलगछिया पुल, टॉलीगंज सर्कुल रोड पुल, धकुरिया पुल, तल्लाह पुल और संतरागाछी पुल के नाम शामिल हैं। उन्होंने कहा, “इन पुलों की भार उठा सकने की क्षमता को आंका गया और रिपोर्ट के आधार पर इन खस्ताहाल ढांचों की स्थिति और खराब होने से रोकने के लिए हमने पुलिस को मालवाहक वाहनों पर रोक लगाने का सुझाव दिया।”

कोलकाता यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस पहले ही चार पुलों पर मालवाहक वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर चुकी है। अन्य पुलों पर भी मामवाहक वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित करने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। लेकिन पीडब्ल्यूडी अधिकारी का कहना है कि अत्याधिक भार ले जाने वाले वाहन अब भी इन पुलों से गुजर रहे हैं खास तौर पर रात में जिससे की ट्रैफिक जाम होता है।

जाम के दौरान भारी ट्रक इन पुलों पर फंसे रह जाते हैं जिससे दूसरा हादसा हो सकता है। अधिकारी ने बताया कि विभाग इन सात पुलों की मरम्मत तुंरत शुरू करने के लिए एक विस्तृत बजट और योजना तैयार कर रहा है। इसके अलावा विभाग शेष 13 पुलों का भी निरीक्षण कर रहा है। इसके बाद ही उन्हें “कमजोर या अपेक्षाकृत सुरक्षित” ढांचों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा

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