अक्टूबर में आयोजित होगा कृषि कुम्भ, कृषि वैज्ञानिक बतायेंगे खेती की आधुनिक तकनीक

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[email protected] । Aug 26 2018 11:24AM

कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश श्री सूर्य प्रताप शाही शनिवार को कृषि कुम्भ−2018 के अनावरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

नई दिल्ली। कृषि कुम्भ−2018 का उद्देश्य किसानों को कृषि क्षेत्र में नवाचार, तकनीकी संबंधी जानकारी देकर उन्नत कृषि की ओर प्रेरित करना है, जिससे कृषक फसल की उत्पादकता को बढ़ाकर दो गुनी या फिर उससे अधिक लाभ अर्जित कर सकें। कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश श्री सूर्य प्रताप शाही शनिवार को कृषि कुम्भ−2018 के अनावरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप 26 से 28 अक्टूबर, 2018 तक लखनऊ में प्रस्तावित अर्न्तराष्ट्रीय कृषि कुम्भ−2018 में देश−विदेश के कृषि वैज्ञानिकों, कृषि विशेषज्ञों, प्रगतिशील कृषकों आदि के माध्यम से किसानों को कृषि, बागवानी, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, कृषि उपकरणों, यंत्रों आदि के क्षेत्र में हुये नवाचार व तकनीक से परिचय कराया जायेगा। किसान यहॉ से प्राप्त जानकारी को अपनाकर अपनी उपज का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकेंगे। 

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य किसानों को जागरूक कर प्रदेश को कृषि उत्पादन मंे राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी पंक्ति में लाना है, जिससे प्रदेश के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में अपार संम्भावनायें मौजूद हैं। श्री शाही ने स्व0 पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी को श्रद्वॉजलि अर्पित करते हुये कहा कि चाहे स्वर्णिम चर्तुभुज योजना के माध्यम से देश के सभी क्षेत्रों में त्वरित गति से पहुंचने के लिये सड़कों का निर्माण हो, संचार साधनों के माध्यमों से, गरीब लोगों के लिये 2 रुपये किलो गेहूं और 3 रुपये किलो चावल की योजना रही हो या सर्विशक्षा अभियान के माध्यम से ग्रामीण बच्चों के शिक्षा प्रदान करने की रही हो उन्होंने देश के लिये जो योगदान किया है, उसे देश कभी नहीं भुला पायेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हितों को दृष्टिगत रखते हुये बजट को दो गुना किया गया है।

उन्होंने कहा कि बिना पशुपालन के न तो कृषि हो सकती है और न ही किसानों की आय में वृद्वि हो सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सवा साल के सरकार में दुग्ध विकास के कार्यक्रमों को बहुत बल प्रदान किया गया है। 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड का ऋण माफ किया गया है। डीबीटी के माध्यम से डिजिटल इंडिया को कृषि विभाग सही ढंग से साकार कर रहा है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसमें हम ने 23 लाख किसान लाभाथियों का 756 करोड का अनुदान डीबीटी के माध्यम से दिया है। उ. प्र. में इस बार 20 लाख मीटि्रक टन कृषि उत्पादन बढा है। प्रदेश में उत्पादन के साथ−साथ अन्य फसलों की प्रोडक्टिवटिी भी बढी है। हमारे प्रदेश में 100 लाख मीटि्रक टन सरप्लस खाद्यान्न है। 

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में विपरीत मौसम के बाद भी खाद्यान्न में सभी का उत्पादन बढा है, यह किसानों की अथक मेहनत और सरकार के सहयोग से सकारात्मक परिणाम मिले हैं। देश का 36 प्रतिशत गेहूं उत्पादन, धान का 12 प्रतिशत, आलू का 35 प्रतिशत, गन्ना का 40 प्रतिशत तथा दूध में हम देश में सर्वाधिक उत्पादन कर रहे हैं। हम साढे सात करोड लीटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन कर रहे हैं। जिस प्रकार का खाद्यान्न का उत्पादन बढा है, वहीं हमारी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर 37 लाख मीटि्रक टन गेहूं की खरीददारी 2016−17 में की है। इस वर्ष हमने 52 लाख मीटि्रक टन से अधिक रिकार्ड गेहूॅ की खरीददारी की है। प्रदेश में इस बार 16 हजार करोड रूपये से ऊपर के खाद्यान्न की खरीद की गयी है। 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से हम उनकी फसलों को सुरक्षित कर रहे है। इस साल प्रदेश में 25 लाख से अधिक किसानों को खरीफ में चिन्हित कर बीमित किया जा रहा है। कृषि विभाग की सभी योजनाओं का लाभ पारदर्शिता पूर्ण ढंग से पात्र किसानों को मिले, उनका फसल जोखिम कम हो तथा उत्पादन का वास्तविक लाभ प्राप्त हो इसके लिये योजनाओं को ऑनलाइन किया गया है। मंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया कि 26 से 28 अक्टूबर तक लखनऊ में आयोजित होने वाले कृषि कुम्भ में 1 लाख से अधिक किसानों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। जैविक खेती के क्षेत्र में किसानों ने काफी मेहनत की है। प्रदेश में इस बार 155 लाख मीटि्रक टन आलू का उत्पादन हुआ है। गन्ना किसानों को 25 हजार करोड का भुगतान किया गया है। प्रदेश में प्रथम बार मिर्च और मटर को कार्गो के माध्यम से दुबई भेजने की नई शुरूआत की गयी है। पशुओं में नस्ल सुधार के कई नये कार्यक्रमों एवं योजनाओं की शुरूआत की गयी है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दो गुनी हो, इसके लिये जरूरत इस बात की है कि किसान वैज्ञानिक पद्वति अपनायें। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 20 हजार सोलर पम्प तथा 15 हजार स्प्रंक्लरि का वितरण किया है। गिरते हुये भू−जल को उठाने के लिये कई प्रकार की योजनायें संचालित की जा रहीं हैं। उन्होंने एक सिंचाई पर गेहूं उत्पादन करने के लिये बीज बनाये जाने पर वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मॉग, आपूर्ति और खपत के सापेक्ष अ.डा उत्पादन की अपार संभावनायें हैं। 

प्रदेश के पशुपालन मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि देश की खुशहाली का रास्ता खेत खलिहानों से होकर गुज़रता है। किसान खुश रहेगा तभी देश खुश रह सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का किसानों की आय दो गुनी करने के सपना साकार हो सके, इसके लिये किसानों को भी एक कदम आगे बढकर आना होगा। पहले हम परम्परागत खेती करते थे, इसका परिणाम सभी के सामने है। यदि हम वैज्ञानिक विधि एवं नवीन तकनीक से खेती करें तो किसानों की आर्थिक तरक्की होते दिन नहीं लगेंगे। उन्होंने कहा कि खेती के अलावा मछली पालन, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, सुअर पालन, औद्यानीकरण एवं बागवानी अपना कर आय को दो से तीन गुना तक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कहा जाता था कि जितना पानी उतना गन्ना। परिणाम स्वरूप बहुत बडा क्षेत्र डार्क ज़ोन में चला गया है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि स्प्रंकिलर विधि से सिंचाई कर पानी को बचाये जाने के साथ ही फसल उत्पादन भी बढाया जा सकता है। किसान की विडम्बना है कि वह वैज्ञानिक को तो मानता है परन्तु उसकी बताई हुये बात को नहीं मानता है। उन्होंने कई प्रकार की उदाहरण देते हुये बताया कि हमारा किसान मक्का का उत्पादन कर सकता है तो बेबी कार्न या स्वीर्ट कार्न का उत्पादन क्यों नहीं करता है। गोभी का उत्पादन करता है तो ब्रोकली का उत्पादन क्यों नहीं करता है। मशरूम के उत्पादन से क्यों डरता है। उन्होंने कहा कि खेती का क्षेत्रफल निरंतर कम होता जा रहा है। हमको चाहिये कि हम अभी से खेतों को क्यारी में बदल कर बागवानी एवं औद्यानीकरण को अपनायें ताकि आने वाले कल को सुरक्षित कर सकें। 

कृषि एवं विपणन मंत्री स्वाती सिंह ने कहा कि भारत देश कृषि प्रधान देश है, देश के किसानों की आय दो गुना करने के उददेश्य से प्रधानमंत्री ने देश के किसानों को केन्द्र में रखा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने की दिशा में दिन−रात कार्य कर रहे हैं। किसानों को उनकी फसल का वास्तविक मूल्य प्राप्त हो सके, प्रदेश की 100 मंडियों को ई−नाम योजना में पंजीकृत किया गया है। यह कार्य देश में अभी किसी भी प्रदेश में नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि हम निजी कम्पनियों को आमंत्रित कर विश्वास दिलाते हैं कि उनकी हर सुख सुविधा एवं जरूरत का ख्याल रखा जायेगा, यदि सम्भव होगा तो नियमों में भी शिथिलता प्रदान की जायेगी। हम किसानों को बेहतर मार्केट मुहैया कराने के लिये दृढ़ संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि निजी कम्पनियों के लिये पीपीपी माडल पर भूमि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिये म.डी शुल्क में भी छूट प्रदान किये जाने का भी प्राविधान रखा गया है। हम चाहते हैं कि प्रदेश में अधिक से अधिक प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित हों ताकि कृषकों को उपज का सही एवं वास्तविक मूल्य प्रदान हो सके। मंत्री जी ने आर्गेनिक फार्मिंग की बात करते हुये कहा कि प्रदेश में महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आर्गेनिक फार्मिंग के साथ−साथ महिलाओं को भी सशक्त बनाया जा सकता है। 

एपीसी प्रभात कुमार ने निजी कम्पनियों से कहा कि प्रदेश में आपके लिये एक बहुत बडा अवसर है, आप आयें, आपको वह सभी संसाधन मुहैया कराये जायेंगे तो प्रदेश एवं आपके हित में हैं। उत्तर प्रदेश बहुत बडी जनसंख्या वाला प्रदेश है। यहॉ उत्पादन के सापेक्ष मॉग कई गुना अधिक है। प्रदेश में कुल कृषि योग्य भूमि का 87 प्रतिशत सिंचित कृषि योग्य भूमि है। गेहूं, दूध, मीट, गन्ना चीनी उत्पादन में अन्य प्रदेशों से हम कहीं बेहतर और आगे हैं, इन क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों में हमारा कोई सानी नहीं है। उन्होंने किसानों का आवाहन किया कि आप को आर्थिक क्षेत्र में तरक्की करने के लिये परम्परागत खेती से अलग हटना ही पडेगा। उन्होंने किसानों एवं निजी कम्पनियों से आग्रह किया कि वह 26 से 28 अक्टूूबर तक लखनऊ में आयोजित होने वाले कृषि कुम्भ−2018 में अवश्य प्रतिभाग करें। 

प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि कृषि कुम्भ−2018 का आयोजन प्रधानमंत्री की इच्छा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशन में आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में 1 लाख से अधिक किसान एवं कृषि वैज्ञानिक, विषय विशेषज्ञ, निजी कम्पनियॉ आदि द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। उन्होंने बताया कि आयोजन का उददेश्य किसानों की आय दो गुना करना तथा कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीक एवं आविष्कारों के बारे में जानना है। उन्होंने बताया कि कृषि कुम्भ−2018 में तकनीकी सत्र एवं प्रदर्शनी कृषि कुम्भ में लाइव डिमॉस्ट्रेशन भी किया जायेगा ताकि जिससे कृषक बंधु जानकारी कर सकेंगे कि किस प्रकार से आर्थिक तरक्की की जा सके तथा उत्पादन लागत को कम कर उत्पादन बढाया जा सके। कार्यक्रम में अंत में प्रमुख सचिव पशुपालन एवं दुग्ध विकास सुधीर महादेव बोबडे ने विभागीय योजनाओं पर प्रकाश डालते हुये आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। 

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