FSSAI ने कहा, पैक भोजन पर लेबलिंग के नियम अगले 2-3 महीनों में

Labelling norm on packaged food in next 2-3 months, says FSSAI
[email protected] । May 16 2018 8:28AM

खाद्य नियामक एफएसएसएआई के मुख्य कार्याधिकारी पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि पैक किए गए खाद्य उत्पादों पर लेबलिंग करने संबंधी मानकों को 2-3 महीनों मेंअंतिम रूप देगा ।

नई दिल्ली। खाद्य नियामक एफएसएसएआई के मुख्य कार्याधिकारी पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि पैक किए गए खाद्य उत्पादों पर लेबलिंग करने संबंधी मानकों को 2-3 महीनों मेंअंतिम रूप देगा । नियाति उद्योग जगत की जायज चिंताओं के समाधान के लिए नियमों के मसौदे में बदलाव करने को लेकर उदार दृष्टिकोण रखे हुए है।  पिछले महीने, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य सुरक्षा और मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) विनियम, 2018 का मसौदा जारी किया था और इस पर अंशधारकों से टिप्पणियां मांगी थी।

नियामक ने अधिक वसा, अधिक-चीनी और अधिक नमक वाले खाद्य उत्पादों के पैक के अगले भाग पर लाल रंग-कोडिंग अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव किया है जिसमें के स्तर होते हैं। अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि हमें मसौदे के नियमों पर अंशधारकों की टिप्पणी मिल रही है। अंतिम नियम अगले 2-3 महीनों में आने की उम्मीद हैं। उन्होंने कहा कि एफएसएसएआई, पैकेज किए गए खाद्य पदार्थों पर रंग संकेत लगाने के लिए ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मेक्सिको और अमेरिका जैसे विदेशी देशों में इस्तेमाल किए जाने वाले मॉडल का अध्ययन कर रहा है।

हम रंग कोडिंग से संबंधित उद्योगजगत की चिंता से अवगत हैं। आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) भोजन के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा कि पैक किए गए खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत या उससे अधिक जीई सामग्री होने पर स्पष्ट लेबलिंग की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि आयातित जीएम भोजन भारत आ रहा है। यह सोया उत्पादों और खाद्य तेलों के रूप में है। तेल के मामले में, जीएम की उपस्थिति की मात्रा नगण्य है। इसलिए, कोई लेबलिंग नहीं होगी। अग्रवाल ने यह भी घोषणा की कि एफएसएसएआई ने वर्ष 2022 तक देश को ट्रांस-फैट (चर्बी या वनस्पति तेलों से बने मक्खन) से मुक्त करने का लक्ष्य रख रहा है।

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