5-20 नियम हटाने के लिए लॉबिंग को कोई गैरकानूनी भुगतान नहीं किया: एयरएशिया
मलेशियाई विमानन कंपनी समूह एयरएशिया ने आज कहा कि उसने 5-20 नियम हटाने के लिए लॉबिंग को किसी तरह का ‘गैरकानूनी भुगतान’ नहीं किया था।
नयी दिल्ली। मलेशियाई विमानन कंपनी समूह एयरएशिया ने आज कहा कि उसने 5-20 नियम हटाने के लिए लॉबिंग को किसी तरह का ‘गैरकानूनी भुगतान’ नहीं किया था। साथ ही कंपनी ने स्पष्ट किया है कि टाटा के साथ अपने भारतीय संयुक्त उद्यम के लिए सभी आवश्यक मंजूरी सामान्य मार्गों से हासिल की गई थीं। समूह का यह ताजा बयान ऐसे समय आया है जबकि सीबीआई एयरएशिया और उसके समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी टोनी फर्नांडीज और अन्य अधिकारियों की जांच कर रही है। एयरएशिया पर आरोप है कि उसने अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस हासिल करने को सरकारी नीतियों के साथ भ्रष्टाचार के जरिये गड़बड़ी करने की कोशिश की थी।
एयरएशिया समूह बेरहाद (एएजीबी) ने एक विस्तृत बयान में कहा कि उसने भारत में बजट एयरलाइन बनाने के लिए टाटा संस के साथ संयुक्त उद्यम करार मुख्यरूप से देश में टाटा संस लि . की प्रतिष्ठा और ईमानदारी को देखते हुए किया था। मलेशियाई समूह के पास एयरएशिया इंडिया की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष हिस्सेदारी टाटा के पास है। दो प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा समूह के दो अधिकारियों के पास है।
बयान में कहा गया है कि सभी जरूरी मंजरियां सामान्य चैनलों से हासिल की गईं और इन मंजूरियों को हासिल करने में एक साल से अधिक का समय लगा। एएजीबी ने कहा, ‘एयरएशिया इंडिया ने विमानन क्षेत्र के अन्य लोगों की तरह 5-20 नियम को हटाने के लिए भारत सरकार के साथ लॉबिंग की। यह नियम प्रतिस्पर्धा को रोकता है। हम एक स्वस्थ्य विमानन क्षेत्र विकसित करना चाहते थे जिससे भारतीय उपभोक्ताओं को फायदा होता। यह सराकरा काम कानून का अनुपालन करते हुए किया गया और निश्चित रूप से इसमें किसी तरह का गैरकानूनी भुगतान नहीं किया गया।
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