हवाईअड्डों पर स्थानीय कारीगरों के उत्पादों की होगी बिक्री, एएआई की स्वयं सहायता समूहों से भागीदारी

Delhi Airport
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एएआई ने बताया कि वाराणसी, कालीकट, कोलकाता, कोयंबटूर और रायपुर समेत कई अन्य शहरों के हवाईअड्डों पर भी संबंधित राज्यों सरकारों के समन्वय से स्थानीय समूहों को उत्पादों की बिक्री के लिए जगह दी जाएगी। विशाखापत्तनम, भुवनेश्वर, रायपुर, सिलचर, डिब्रूगढ़ और जोरहाट के हवाईअड्डों पर भी स्थानीय समूहों को जगह देने की प्रक्रिया चल रही है।

नयी दिल्ली|  भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने विभिन्न हवाईअड्डों पर स्वयं सहायता समूहों को जगह देनी शुरू कर दी है, जहां इन समूहों से जुड़े कारीगर स्थानीय स्तर पर विकसित अपने उत्पादों की बिक्री कर सकेंगे।

क्षेत्र के कुशल कारीगरों के लिए ‘बिक्री स्थल के रूप में हवाईअड्डा’ यानी ‘अवसर’पहल के तहत स्वयं सहायता समूह अगरतला, कुशीनगर, उदयपुर और मदुरै समेत 12 हवाईअड्डों पर अपने उत्पादों का प्रदर्शन पहले से कर रहे हैं।

एएआई ने बताया कि वाराणसी, कालीकट, कोलकाता, कोयंबटूर और रायपुर समेत कई अन्य शहरों के हवाईअड्डों पर भी संबंधित राज्यों सरकारों के समन्वय से स्थानीय समूहों को उत्पादों की बिक्री के लिए जगह दी जाएगी। विशाखापत्तनम, भुवनेश्वर, रायपुर, सिलचर, डिब्रूगढ़ और जोरहाट के हवाईअड्डों पर भी स्थानीय समूहों को जगह देने की प्रक्रिया चल रही है।

एएआई के चेयरमैन संजीव कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अवसर पहल का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों को हवाईअड्डों पर न केवल एक मंच उपलब्ध करवाना है बल्कि यात्रियों को स्थान विशिष्ट की विरासत और लोकाचार से परिचित करवाना भी है। इन समूहों को हवाईअड्डे पर 100-200 वर्गफुट की जगह दी जाती है जहां ग्रामीण महिलाओं और कारीगरों द्वारा बनाए उत्पादों का प्रदर्शन होता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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