बेहिसाबी अर्थव्यवस्था को कम करने में सफल रही नोटबंदी: मेघवाल
विश्व बैंक की एक रपट के हवाले से उन्होंने कहा कि जब नोटबंदी हुई उस समय इस देश में ''शेडो इकनामी'' 23.7 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी विकसित देश में ऐसा आंकड़ा नहीं था।
जयपुर। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार को यहां कहा कि मोदी सरकार की नोटबंदी अपने मूल उद्देश्य में सफल रही और इससे देश की बेहिसाबी अर्थव्यवस्था (शेडो इकनामी) में भारी कमी आई। नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर यहां संवाददाताओं से बातचीत में मेघवाल ने कहा, ‘‘मूल उद्देश्य था देश में शेडो अर्थव्यवस्था को घटाना और इसमें नोटबंदी एक सफल उपाय साबित हुआ। भीम एप, यूपीआई ये आंकडे़ इसके गवाह हैं कि हम कितनी तेजी से औपचारिक अर्थव्यवस्था की ओर बढ़े हैं।’’
विश्व बैंक की एक रपट के हवाले से उन्होंने कहा कि जब नोटबंदी हुई उस समय इस देश में 'शेडो इकनामी' 23.7 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी विकसित देश में ऐसा आंकड़ा नहीं था। यह इकनामी,आर्थिक गतिविधि तो है लेकिन जीडीपी में इसकी गणना नहीं होती। शेडो इकनामी देश में अपराध बढ़ा रही थी, काले धन को बढ़ा रही थी और कर संग्रहण को भी प्रभावित कर रही थी। डिजिटल लेनदेन भी बड़ा मुद्दा था।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘मनमोहन सिंह के कालखंड में भी यह विषय था। लेकिन वह इस पर कोई निर्णय नहीं कर पाए क्योंकि वह हिम्मत नहीं जुटा पाए। हमारे प्रधानमंत्री ने फैसला किया कि वह अर्थव्यवस्था को ठीक करने का प्रयास करेंगे। इसमें दो बड़े प्रयास नोटबंदी व जीएसटी थे।'
उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ने से शेडो इकनामी को चोट पहुंची। हम अगर इसे 15 या 14, 13 प्रतिशत तक ले जाते हैं तो यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है।'’ इस अवसर पर उन्होंने व्यापार सुगमता सूचकांक में भारत के 143वें पायदान से 77वें पायदान पर आने तथा कर संग्रहण के एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा छूने जैसी उपलब्धियों का भी जिक्र किया।
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