निजी कंपनियों की नौकरी में पुरुषों को मिलती है वरीयताः रिपोर्ट
कारपोरेट जगत में भले ही महिला और पुरूष किसी तरह की नौकरी के लिए समान रूप से योग्य हों लेकिन अक्सर वरीयता पुरुषों को दी जाती है। यह रैंडस्टैड वर्कमोनिटर के सर्वेक्षण का एक निष्कर्ष है।
कारपोरेट जगत में भले ही महिला और पुरूष किसी तरह की नौकरी के लिए समान रूप से योग्य हों लेकिन अक्सर वरीयता पुरुषों को दी जाती है। यह रैंडस्टैड वर्कमोनिटर के सर्वेक्षण का एक निष्कर्ष है। इस सर्वेक्षण में भारत में 55 फीसदी लोगों ने इस बात का संकेत दिया कि जब पुरुष एवं महिलाएं समान तरह की जिम्मदारियों के लिए समान रूप से योग्य हों तब पुरुषों को ही वरीयता दी जाती है।
सर्वेक्षण में 61 फीसदी पुरुषों और 47 फीसदी महिलाओं ने ऐसी बात कही। वैसे वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 70 फीसद है। लेकिन एक सुखद बात है कि भेदभाव की कई रिपोर्टों के बावजूद इस सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत में 91 फीसदी मामलों में एक तरह की भूमिकाओं के लिए पुरुष और महिलाओं को समान वेतन मिलता है। विश्व स्तर पर समान वेतन का अनुपात औसतन 79 फीसद है। इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 88 फीसद लोगों ने महसूस किया कि प्रोन्नति चाह रहे पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से समर्थन मिला।
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