सूक्षम वित्त उद्योग का ऋण 47% बढ़कर 68,789 करोड़ रुपये हुआ
देश में सूक्षम वित्त उद्योग (एमएफआई) का सकल ऋण पोर्टफोलियो वित्त वर्ष 2017-18 में 47 प्रतिशत बढ़कर 68,789 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 46,842 करोड़ रुपये था। एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है।
नयी दिल्ली। देश में सूक्षम वित्त उद्योग (एमएफआई) का सकल ऋण पोर्टफोलियो वित्त वर्ष 2017-18 में 47 प्रतिशत बढ़कर 68,789 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 46,842 करोड़ रुपये था। एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्री गिरिराज सिंह ने बुधवार को रिपोर्ट जारी करते हुये कहा कि बैंक जिस ब्याज दर पर सूक्ष्म वित्त कंपनियों को ऋण देते हैं उसे कम किया जाना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सूक्ष्म वित्त के दायरे में लाया जा सके।
सिंह ने कहा कि यह समय है जब बैंकों और सूक्ष्म वित्त कंपनियों को मिलकर काम करना चाहिये। बैंक एनपीए यानी डूबे कर्ज को लेकर चिंतित है। लेकिन मैं सिडबी को बताना चाहता हूं कि जो लोग सूक्ष्म वित्त ऋण लेते हैं वह देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं। बैंकों को सूक्ष्म वित्त कंपनियों को कर्ज देने में एनपीए की चिंता नहीं करनी चाहिये। इस श्रेणी के कर्जदार नीरव मोदी और विजय माल्या की तरह देश छोड़कर नहीं भाग सकेंगे।"
रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 में एमएफआई क्षेत्र के ऋण वितरण में इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 56 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। यह इस दौरान 81,737 करोड़ रुपये रहा। यह राशि 2015-16 के बाद सबसे अधिक है। पिछले वित्त वर्ष में शीर्ष 10 सूक्ष्म वित्त संस्थानों ने 55,013 करोड़ रुपये वित्तरित किये, जो कि कुल वित्तरित की गयी राशि का 67 प्रतिशत है। शेष 33 प्रतिशत अन्य कंपनियों द्वारा दिये गये।
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