नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने सौर उपकरण पर अगस्त से सीमा शुल्क लगाने का किया प्रस्ताव
ऊर्जा मंत्री के हवाले से कहा गया है कि सीमा शुल्क की दरों के बारे में स्थिति बिल्कुल साफ की जाएगी ताकि सरकार की नीतियों को लेकर कोई अनिश्चितता नहीं हो। सिंह ने यह भी कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कुछ आयात वस्तुओं के लिये रियायती सीमा शुल्क प्रमाणपत्र जारी करने की व्यवस्था समाप्त की जाएगी।
नयी दिल्ली। बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि उनके मंत्रालय ने सौर सेल, मोड्यूल्स और इनवर्टर पर अगस्त से मूल सीमा शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है। सिंह ने उद्योग संगठनों के साथ वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये हुई बैठक में प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी। यह बैठक आत्मनिर्भर अभियान और ‘मेक इन इंडिया’ पहल की सफलता सुनिश्चित के उपायों पर चर्चा के लिये बुलायी गयी थी। बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्री ने बैठक में मंत्रालय के अगस्त 2020 से सौर मोड्यूल, सौर सेल और सौर इनवर्टर पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) लगाने के प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी।’’
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बयान में मंत्री के हवाले से कहा गया है कि सीमा शुल्क की दरों के बारे में स्थिति बिल्कुल साफ की जाएगी ताकि सरकार की नीतियों को लेकर कोई अनिश्चितता नहीं हो। सिंह ने यह भी कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कुछ आयात वस्तुओं के लिये रियायती सीमा शुल्क प्रमाणपत्र जारी करने की व्यवस्था समाप्त की जाएगी। इसकी तिथि के बारे में अलग से जानकारी दी जाएगी। फिलहाल सौर उपकर पर कोई बीसीडी नहीं है। हालांकिसौर सेल पर रक्षोपाय शुल्क 15 प्रतिशत है। यह 30 जुलाई 2020 से शून्य हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि भारत ने जुलाई 2018 में चीन और मलेशिया से आयातित सौर सेल के आयात पर रक्षोपाय शुल्क दो साल के लिये लगाया था। इसका मकसद आयात में तीव्र वृद्धि से घरेलू विनिर्माताओं के हितों की रक्षा करना था। सरकार ने 30 जुलाई 2018 से 29 जुलाई 2019 तक 25 प्रतिशत रक्षोपाय शुल्क लगाया था। यह धीरे-धीरे कम होकर 30 जुलाई 2019 से 29 जनवरी 2020 तक 20 प्रतिशत और 30 जनवरी, 2020 से 29 जुलाई 2020 तक 15 प्रतिशत पर आ गया। मंत्री ने यह भी कहा कि अक्षय ऊर्जा के संदर्भ में मॉडल और विनिर्माताओं की मंजूरी वाली सूची एक अक्टूबर से प्रभाव में आएगी जैसा कि पहले घोषित किया गया था।
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