मोइली ने मोदी सरकार से पूछा, रणनीतिक तेल भंडारों का निर्माण क्यों नहीं हो रहा
मोइली ने एक वक्तव्य में कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन-एक (संप्रग-1) और संप्रग-दो सरकारों ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और कर्नाटक के मेंगलूर और पडुर में 53.3 लाख टन का रणनीति तेल भंडार बनाया था। यह आपात स्थिति में देश की 10 दिन जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त था।
संप्रग-दो सरकार के समय 2013 में चार राज्यों में 1.25 करोड़ टन का रणनीतिक भंडार बनाने की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने कहा कि यदि पिछले छह साल में ये रणनीतिक भंडारण बन गए होते, तो अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम दो दशक के निचले स्तर पर आने के दौरान भारत इनमें कच्चे तेल का भंडारण कर सकता था। उन्होंने कहा कि इसके बजाय अब सरकार अमेरिका के रणनीतिक भंडारण में किराये पर जगह लेकर आपात स्थिति के लिए तेल का भंडारण करने की तैयारी कर रही है। मोइली ने कहा कि अमेरिका के रणनीतिक पेट्रोलियम भंडारगृह में कच्चे तेल का भंडारण राजनयिक और रणनीतिक दृष्टि से सही नहीं है। इस बारे में भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक ऊर्जा भागीदारी (एसईपी) मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान समझौता हुआ है। इस बैठक की सह-अध्यक्षता पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अमेरिका के ऊर्जा मंत्री डैन ब्राउलेट ने की थी। मोइली ने कहा, ‘‘यह देश की ऊर्जा सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है।अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कम कीमतों के बावजूद भाजपा देश की जनता को पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करके राहत प्रदान करने बजाय मुनाफाखोरी करके अपनी जेब भर रही है। पेट्रोल डीजल की कीमतें कम करने के बजाय एक्साइज ड्यूटी लगा कर सरकार जनता को लूट रही हैं।#आपदा_में_भाजपाई_अवसर pic.twitter.com/ErkoCDz5OG
— Congress (@INCIndia) July 25, 2020
इसे भी पढ़ें: आरएसएस मुख्यालय से मिट्टी को राम मंदिर भूमि पूजन के लिए अयोध्या भेजा गया
संप्रग-दो में हमने अतिरिक्त क्षमता के निर्माण का प्रस्ताव किया था।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका में भंडारण के लिए किराया देने के बजाय यह अच्छा होता कि हम अपना भंडारण बनाते। यदि समुद्र मार्ग बाधित होता है तो अमेरिका से तेल लाना काफी मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि यह मौजूदा सरकार की ‘आपराधिक लापरवाही’है कि उसने छह साल के दौरान सार्वजनिक और यहां तक कि निजी क्षेत्र में भी रणनीतिक भंडारण या नई रिफाइनरियां स्थापित करने पर ध्यान नहीं दिया। मोइली ने कहा कि राजग सरकार ने ऐसे समय रणनीतिक भंडार बनाने का अवसर गंवा दिया है जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम निचले स्तर पर हैं।
अन्य न्यूज़