NCLAT ने ARGL के लिये लिबर्टी हाउस की बोली वापस लिये जाने की मंजूरी दी

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[email protected] । Mar 8 2019 5:07PM

हम आपको अपीलीय न्यायाधिकरण का फायदा उठाने नहीं देंगे।’’ एनसीएलएटी ने कहा कि इस आदेश का अन्य दिवाला शोधन प्रक्रिया में लिबर्टी हाउस की भागीदारी पर कोई असर नहीं डालेगा।

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने एआरजीएल के लिये ब्रिटेन की कंपनी लिबर्टी हाउस की बोली वापस लेने को शुक्रवार को मंजूरी दे दी।एनसीएलएटी ने कर्ज में फंसी कंपनी के दिवाला शोधन पेशेवर की याचिका पर यह निर्णय लिया। न्यायमूर्ति एस.जे.मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में दो सदस्यीय पीठ ने सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में चयन होने के बाद भी कंपनी दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया पूरी नहीं करने के लिये लिबर्टी हाउस की खिंचाई भी की। पीठ ने कहा, ‘‘आप हर समय हारे हुए पक्ष रहे और पांच पीछे खींचते रहे। आपकी प्रतिष्ठा खराब हुई है।

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हम आपको अपीलीय न्यायाधिकरण का फायदा उठाने नहीं देंगे।’’ एनसीएलएटी ने कहा कि इस आदेश का अन्य दिवाला शोधन प्रक्रिया में लिबर्टी हाउस की भागीदारी पर कोई असर नहीं डालेगा। एआरजीएल वाहनों के कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनी एम्टेक ऑटो की अनुषंगी है और कर्ज संकट में फंसी हुई है।

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लिबर्टी हाउस ने एआरजीएल की दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया में सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में चुने जाने के बाद भी आगे बढ़ने और बैंक गारंटी जमा करने से मना कर दिया था। दिवाला शोधन पेशेवर ने कंपनी की बोली रद्द करने की एनसीएलटी से अपील की थी। एनसीएलटी ने अपील स्वीकार करते हुए लिबर्टीहाउस पर जुर्माना लगाया था। लिबर्टी हाउस ने एनसीएलटी के फैसले को एनसीएलएटी में चुनौती दी थी।

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