Essar Steel के लिये न्यूमेटल, वेदांता की दूसरे दौर की बोली वैद्य: NCLAT

nclat-says-numetal-s-second-bid-eligible-gives
[email protected] । Sep 7 2018 2:46PM

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने शुक्रवार को कहा कि एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिये रूस के वीटीबी बैंक समर्थित न्यूमेटल और वेदांता की दूसरे दौर की बोलियां वैद्य हैं।

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने शुक्रवार को कहा कि एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिये रूस के वीटीबी बैंक समर्थित न्यूमेटल और वेदांता की दूसरे दौर की बोलियां वैद्य हैं। लेकिन आर्सेलर मित्तल के मामले में बोली की वैद्यता कंपनी द्वारा उत्तम गल्वा और केएसएस का 7,000 करोड़ रुपये का बकाया तीन दिन के भीतर चुका दिये जाने पर निर्भर होगी।

एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय पीठ ने एस्सार स्टील के कर्जदाता बैंकों को निर्देश दिया है कि वह मामले में जल्द निर्णय लें। न्यायाधिकरण ने फैसला दिया कि न्यूमेटल का एस्सार स्टील के प्रवर्तकों से कोई संबंध नहीं है और इसलिये वह भी कंपनी के लिये समाधान योजना पेश करने के लिये पात्र है। पीठ ने कहा, ‘‘29 मार्च की स्थिति के मुताबिक न्यूमेटल एक संबंधित पक्ष में शेयरधारक नहीं है इसलिये आईबीसी कानून की धारा 29ए को लेकर आपत्ति समाप्त हो जाती है। न्यूमेटल पूरी तरह से योग्य है और 29 मार्च 2018 की स्थिति के अनुसार धारा 29ए उस पर लागू नहीं होती है।’’

आर्सेलर मित्तल के मामले में न्यायाधिकरण ने कहा कि यह कंपनी उत्तम गल्वा और केएसएस पेट्रान से जुड़ी है और इन कंपनियों को कई बैंकों ने एनपीए की श्रेणी में रखा है। पीठ ने कहा, ‘‘यह लांछन तब तक जारी रहेगा जब तक कि ओर्सेलर मित्तल सभी तरह के बकाये का भुगतान नहीं कर देती है।’’

पीठ ने आगे कहा, ‘‘आर्सेलर मित्तल को तीन कार्यदिवसों के भीतर भुगतान की अनुमति दी जाती है, वह 11 सितंबर तक भुगतान कर सकती है।’’

एनसीएलएटी ने इसके साथ ही एस्सार मित्तल के समाधान के लिये समयसीमा को बढ़ा दिया है। न्यायाधिकरण ने बोली को लेकर उठे विवाद की अवधि, 26 अप्रैल से सात सितंबर, को 270 दिन की अवधि में से घटा दिया है। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़