कृषि क्षेत्र की वृद्धि तेज के लिए निवेश में सब्सिडी जरूरी: जेटली

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[email protected] । Sep 18 2018 6:22PM

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कृषि क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने तथा इसे टिकाऊ एवं स्वावलंबी बनाने के लिए क्षेत्र में निवेश में सब्सिडी की जरूरत पर मंगलवार को बल दिया।

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कृषि क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने तथा इसे टिकाऊ एवं स्वावलंबी बनाने के लिए क्षेत्र में निवेश में सब्सिडी की जरूरत पर मंगलवार को बल दिया। उन्होंने कहा कि जहां तक अधिक संसाधन जुटाने की बात है, अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने के इस संदर्भ में स्पष्ट परिणाम दिखाई देने लगे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी सृजन के लिए सरकार के पास पहले से अधिक संसाधन हाथ में रहने लगे हैं। जेटली ने कहा, ‘‘कई अन्य क्षेत्रों में भी अर्थव्यवस्था औपचारिक हो रही है। हम स्पष्ट परिणाम देख सकते हैं और इसके कारण अब सरकार के पास अतिरिक्त संसाधन बचने लगे हैं।

मुझे नहीं लगता कि यह प्रक्रिया अब वापस होगी।’’उन्होंने ‘सपोर्टिंग इंडियन फार्म्स दी स्मार्ट वे’ नामक किताब का विमोचन करने के बाद कहा कि भारत अब ऐसी स्थिति में जा रहा है जब सरकार के पास अधिक संसाधन हैं। इससे जरूरी क्षेत्रों पर खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि भौतिक संरचना, सामाजिक क्षेत्र और कृषि क्षेत्र ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जिनमें निवेश की जरूरत है। जेटली ने कहा, ‘‘जब संसाधन बढ़ेगा, पूंजीगत व विकास खर्च भी बढ़ेगा। उम्मीद है कि इन क्षेत्रों में संसाधन की कमी की दिक्कत नहीं होगी। इसने हमें प्रोत्साहित किया है...सरकार ने साल दर साल सब्सिडी, कीमत, फसल बीमा और ब्याज में छूट आदि के संदर्भ में कृषि क्षेत्र में निवेश करने का अनुकूलित कदम उठाया है।’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं निवेश के साथ सब्सिडी का मिश्रण करने में उम्मीद देखता हूं। महज सब्सिडी पर अनिश्चित समय तक निर्भरता का तरीका टिकाऊ नहीं है। निवेश से कृषि क्षेत्र स्वावलंबी बनेगा।

अपेक्षाकृत कम सब्सिडी के साथ स्वावलंबी किसान भारतीय कृषि में बेहतर योगदान दे सकता है।’’जेटली ने आर्थिक वृद्धि के बारे में कहा कि भारत ने पिछले 25 साल में तार्किक दर से वृद्धि की है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने अब ऐसी स्थिति हासिल कर ली है कि हम बाकियों की तुलना में बेहतर गति से बढ़ रहे हैं। उम्मीद है कि इस वृद्धि को और तेज करने के विभिन्न कारक हैं। देश में ऐसे कई क्षेत्र हैं जो पहले अच्छे से नहीं बढ़ सके हैं अत: अभी वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं।’’ जेटली ने कहा कि सार्वजनिक विमर्श अक्सर लोकलुभावन चीजों से प्रभावित हो जाता है। उन्होंने कहा कि अच्छी राजनीति के साथ स्वस्थ एवं तार्किक नीति भी होनी चाहिए।

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