मुंबई में रहना कठिन, रहन-सहन की लागत में कमी लाने की जरूरत: स्टार्टअप संस्थापक

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टाइकोन द्वारा आयोजित एक वार्षिक सम्मेलन में हेमराजानी ने कहा कि मुंबई में 20 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) हैं और इस शहर के अपने फायदे हैं लेकिन इसके समक्ष जो चुनौतियां हैं उनसे निपटना होगा ताकि यह शहर प्रासंगिक बना रहे।

मुंबई|  देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में बुनियादी ढांचा संबंधी कठिनाइयों और रहन-सहन की अधिक लागत की वजह से रहना मुश्किल है। विभिन्न स्टार्टअप के संस्थापकों ने शुक्रवार को यह कहा।

‘बुक माई शो’ के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशीष हेमराजानी ने कहा कि समुदाय तैयार करने करने की क्षमता में कमी के कारण लोग शहर से जा रहे हैं। इससे प्रतिभावान लोगों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इनमें ऐसे प्रौद्योगिकीविद भी शामिल हैं जो अपने बच्चों के लिए ऐसे बेहतर स्थलों पर जा रहे हैं जो सस्ते भी हैं।

टाइकोन द्वारा आयोजित एक वार्षिक सम्मेलन में हेमराजानी ने कहा कि मुंबई में 20 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) हैं और इस शहर के अपने फायदे हैं लेकिन इसके समक्ष जो चुनौतियां हैं उनसे निपटना होगा ताकि यह शहर प्रासंगिक बना रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रतिभाओं को आकर्षित करने और नए कारोबारों के फलने-फूलने के लिए बहुत प्रयास करने पड़ते हैं।’’ ‘शादी डॉट कॉम’ के अनुपम मित्तल भी इन बातों से इत्तेफाक रखते हैं। वह कहते हैं कि शहर में जीवन यापन की लागत एक वास्तविक चुनौती है।

उन्होंने कहा कि शहर के पूर्वी क्षेत्र में जो जगह है उसे सरकार को ‘स्टार्टअप सिटी’ के तौर पर विकसित करना चाहिए। ‘ड्रीम 11’ के हर्ष जैन ने कहा कि उनके निवेशक चाहते हैं कि कंपनी बेंगलुरु से चलाई जाए हालांकि वह ‘‘कहीं नहीं जाने वाले’’।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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