चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे का समाधान खोजने की जरूरत: सुषमा
भारत और चीन का द्विपक्षीय व्यापार सालाना 18.63 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और पिछले साल यह 84.44 अरब डॉलर के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
नयी दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को कहा कि चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे को पाटने के लिये समाधान खोजने की जरूरत है। हालांकि भारत ने दोनों देशों के बीच बढ़ते आपसी व्यापार तथा निवेश संबंधों पर संतोष भी जाहिर किया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के बाद भारतीय माल एवं सेवाओं के लिये बाजार मुहैया कराने में चीन से सहयोग मिलने की उम्मीद जाहिर की।
EAM Sushma Swaraj at 3rd India-China High-Level Media Forum Inaugural Session: I'm satisfied with the quality of discussion today.Ten priorities we discussed include enhancing cooperation in films, education, tourism, art, yoga, media, culture, sports, academic & youth exchanges pic.twitter.com/GzWnMgRPud
— ANI (@ANI) December 21, 2018
भारत और चीन का द्विपक्षीय व्यापार सालाना 18.63 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और पिछले साल यह 84.44 अरब डॉलर के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान भारत का व्यापार घाटा भी 51.75 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। सुषमा ने वांग की उपस्थिति में जारी बयान में कहा, ‘‘हमारे द्विपक्षीय आर्थिक संबंध अच्छे से आगे बढ़े हैं। जहां हमारे द्विपक्षीय संबंध बढ़ रहे हैं, हमें बढ़ते व्यापार घाटे का सावधानी से समाधान भी खोजने की जरूरत है।’’
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सुषमा ने इस मौके पर हालिया समय में इस दिक्कत को दूर करने के लिये चीन द्वारा उठाये गये कदमों के लिये चीनी पक्ष को धन्यवाद भी कहा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा भरोसा है कि हमें चीनी पक्ष से लगातार समर्थन मिलता रहेगा ताकि हम टिकाऊ एवं संतुलित तरीके से व्यापार को बढ़ा सकें।’’
3rd India- China High Level Media Forum Inaugural Session https://t.co/2vfY8oJBiM
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) December 21, 2018
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