जीएसटी दरों को और तार्किक बनाने की जरूरत: एआईटीएएफ

Need to make GST rates more logical
[email protected] । Jul 19 2018 4:50PM

ऑल इंडिया टैक्स एडवोकेट्स फोरम (एआईटीएएफ) ने कीमतों का स्तर कम करने तथा वैश्विक बाजार में घरेलू सामान एवं सेवाओं की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को तार्किक बनाने का सरकार से अनुरोध किया है।

नयी दिल्ली। ऑल इंडिया टैक्स एडवोकेट्स फोरम (एआईटीएएफ) ने कीमतों का स्तर कम करने तथा वैश्विक बाजार में घरेलू सामान एवं सेवाओं की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को तार्किक बनाने का सरकार से अनुरोध किया है। एआईटीएएफ के अध्यक्ष एम.के.गांधी ने आज जारी बयान में कहा, ‘‘जहां सरकार का 28 प्रतिशत की श्रेणी में शामिल वस्तुओं की संख्या कम करने का प्रयास सराहनीय है वहीं कर की दरों को और तार्किक बनाये जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि रंगीन टेलीविजन और एयर कंडिशनर जैसे घरेलू उपयोग के सामान अभी भी सबसे ऊंची कर श्रेणी में हैं।’’ गांधी ने कहा, ‘‘भारत में जनसंख्या की विविधता को देखते हुए जीएसटी के तहत एकल दर को पूरी तरह से लागू करा पाना वहनीय नहीं है लेकिन सिगरेट, तंबाकू और लग्जरी कारों को छोड़कर अन्य उत्पादों पर 28 प्रतिशत की दर नहीं होनी चाहिये।’’ उत्पादों पर ऊंची दर से कर लगने से घरेलू सामान की प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित होगी। 

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