ई-कॉमर्स कारोबार पर सीमा शुल्क से छूट की समीक्षा करने की जरूरत: भारत

Piyush Goel
ANI Photo.

एक अनुमान के अनुसार, 95 में से 86 विकासशील देश डिजिटल उत्पादों के शुद्ध आयातक हैं और केवल पांच बड़ी प्राद्योगिकी कंपनियां बाजार को नियंत्रित कर रही हैं।

जिनेवा|  भारत ने बुधवार को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देशों से ई-कॉमर्स कारोबार पर सीमा शुल्क में छूट पर रोक को जारी रखने की समीक्षा तथा उसपर पुनर्विचार करने का आह्वान किया। भारत ने कहा कि यह विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाला मुद्दा है

डब्ल्यूटीओ के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के दौरान ई-कॉमर्स पर सत्र को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विकासशील देशों में ‘इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन’ में व्यापार चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। इसका कारण विकसित और विकासशील देशों के बीच व्यापक स्तर पर डिजिटल अंतर का होना है।

एक अनुमान के अनुसार, 95 में से 86 विकासशील देश डिजिटल उत्पादों के शुद्ध आयातक हैं और केवल पांच बड़ी प्राद्योगिकी कंपनियां बाजार को नियंत्रित कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि कपड़ा, हथकरघा जैसे भौतिक उत्पादों के छोटे निर्यातकों को घरेलू कर के अलावा सीमा शुल्क भी देना होता है। और इस प्रकार के उद्योग मुख्य रूप से विकासशील देशों में हैं। वहीं दूसरी तरफ बड़े डिजिटल निर्यातकों को सीमा शुल्क से छूट मिली हुई है।

गोयल ने कहा, ‘‘यह वास्तव में घरेलू विनिर्माण क्षमता को प्रभावित करेगा...इससे वास्तव में वे प्रतिस्पर्धी नहीं रह पाएंगी। मुझे लगता है कि 24 साल से जारी इस रोक की समीक्षा करने और इसपर फिर से विचार करने की जरूरत है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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