नई सरकार करेगी प्रस्तावित औद्योगिक नीति की घोषणा: प्रभु

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[email protected] । Apr 4 2019 5:46PM

मंत्रालय ने नीति के अंतिम प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के पास भेजा है लेकिन अभी इस पर विचार नहीं किया गया है। औद्योगिक नीति का उद्देश्य उभरते क्षेत्रों को बढ़ावा देना और मौजूदा उद्योगों का आधुनिकीकरण करना है।

नयी दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रस्तावित नई औद्योगिक नीति को अंतिम रूप दे दिया गया है और नई सरकार इसकी घोषणा करेगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक सत्र 2019 में प्रभु ने कहा,  हमने उद्योग नीति को अंतिम रूप दे दिया है। मुझे भरोसा है कि नई सरकार जल्दी ही नीति की घोषणा करेगी। मंत्रालय ने नीति के अंतिम प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के पास भेजा है लेकिन अभी इस पर विचार नहीं किया गया है। औद्योगिक नीति का उद्देश्य उभरते क्षेत्रों को बढ़ावा देना और मौजूदा उद्योगों का आधुनिकीकरण करना है। इसके अलावा यह नियामकीय बाधाओं और कागजी कार्रवाई को कम करेगी और नए एवं उभरते हुए क्षेत्रों का समर्थन करेगी।

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मंत्रालय ने नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संचालन समिति समेत एक विस्तृत तंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है। यह तीसरी औद्योगिक नीति होगी। इससे पहले साल 1956 और 1991 में नीति जारी की गई थी। नई नीति 1991 की औद्योगिक नीति का स्थान लेगी। भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने पर चर्चा करते हुए प्रभु ने नई परियोजनाओं के साथ-साथ पहले से चल रही परियोजनाओं में विदेशी पूंजी प्रवाह आकर्षित करने के लिए उचित रणनीति की जरूरत पर जोर दिया।

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वाणिज्य मंत्री ने कहा कि हम ज्यादा एफडीआई लाने की कोशिश कर रहे हैं। एफडीआई या तो नए क्षेत्रों से आएगा या फिर अधिग्रहण के माध्यम से आ सकता है। इसलिए दोनों मोर्चों पर रणनीति तैयार करने की जरूरत है... हमें उन कंपनियों पर ध्यान देना चाहिए जो निवेश कर सकती हैं, क्योंकि उनके पास निवेश करने के लिए अधिशेष है।  भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अप्रैल-दिसंबर 2018 में सात प्रतिशत गिरकर 33.5 अरब डॉलर रहा। प्रभु ने निर्यात को बढ़ावा देने और जिला स्तर पर कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया।

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