विदेशी निवेश के प्रस्तावों की मंजूरी देने के लिए नई प्रक्रिया जल्द

[email protected] । Jun 8 2017 4:02PM

डीआईपीपी ने प्रस्तावों को मंजूरी देने की मानक संचालन प्रक्रिया का मसौदा तैयार किया है और इसे आर्थिक मामले विभाग सहित विभिन्न विभागों में उनके विचार जानने के लिये वितरित किया जा रहा है।

सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिये जल्द ही एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करेगी। विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के समाप्त होने के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय इस प्रक्रिया जारी करने की तैयारी में है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने प्रस्तावों को मंजूरी देने की मानक संचालन प्रक्रिया का मसौदा तैयार किया है और इसे आर्थिक मामले विभाग सहित विभिन्न विभागों में उनके विचार जानने के लिये वितरित किया जा रहा है।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘सात से दस दिन के भीतर हम इस प्रक्रिया को जारी कर देंगे। एफआईपीबी पोर्टल को अब ई-बिज पोर्टल के साथ जोड़ दिया गया है। हमने मंजूरी प्रक्रिया के दौरान हर कदम के लिये समयसीमा तय की है। टिप्पणी भेजने और सुरक्षा मंजूरी जैसे कदमों के लिये कितने दिन लगेंगे यह तय किया गया है।’’ सरकार ने पिछले महीने 25 साल पुराने एफआईपीबी को समाप्त कर दिया। देश में अधिक से अधिक एफडीआई आकर्षित करने और एफडीआई प्रस्तावों को जल्द से जल्द मंजूरी दिये जाने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि डीआईपीपी प्रशासनिक मंत्रालयों के साथ विचार विमर्श के बाद एफडीआई प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिये विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा ताकि इसमें एकरूपता बनी रहे। मंत्रालय ने यह भी कहा कि एफडीआई प्रस्तावों को आवेदन मिलने के 60 दिन के भीतर मंजूरी दे दी जायेगी।

एफडीआई प्रस्तावों के मामले में अब ज्यादातर फैसले संबंधित मंत्रालयों पर छोड़ दिये गये हैं। निजी सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े निवेश प्रस्ताव पर निर्णय गृह मंत्रालय करेगा। वित्तीय सेवा क्षेत्र से जुड़े उन प्रस्तावों के बारे में जो किसी नियामक के तहत नहीं आते हैं, या फिर जहां एक से अधिक नियामक हैं और नियामक को लेकर कोई संदेह है ऐसे प्रस्तावों पर वित्त मंत्रालय का आर्थिक मामले विभाग फैसला करेगा। बैंकों के बारे में कोई प्रस्ताव आने पर उसके बारे में निर्णय वित्तीय सेवाओं का विभाग करेगा।

प्रत्येक तिमाही आर्थिक मामले विभाग और डीआईपीपी सचिव एक संयुक्त बैठक करेंगे जिसमें सरकार के पास लंबित प्रस्तावों पर गौर किया जायेगा। वर्तमान में 91-95 प्रतिशत एफडीआई स्वत: मंजूरी मार्ग के जरिये देश में आता है जबकि रक्षा, खुदरा व्यापार सहित 11 क्षेत्र हैं जिनमें सरकार की मंजूरी की जरूरत होती है। वर्ष 2016-17 में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह 9 प्रतिशत बढ़कर 43.48 अरब डालर रहा है।

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