उपभोक्ता आयोगों के अधिकार-क्षेत्र में बदलाव से संबंधित नए नियम अधिसूचित

Consumer Commission
प्रतिरूप फोटो

केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में एनसीडीआरसी के अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने की घोषणा की। अभी तक आयोग 10 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य वाली शिकायतें ही सुन सकता था।

नयी दि्ल्ली|  राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) के पास अब दो करोड़ रुपये से अधिक मूल्य वाले उत्पादों एवं सेवाओं से संबंधित शिकायतें भी सुनने का अधिकार होगा।

केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में एनसीडीआरसी के अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने की घोषणा की। अभी तक आयोग 10 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य वाली शिकायतें ही सुन सकता था।

इसके अलावा जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के उपभोक्ता आयोगों के अधिकार-क्षेत्र में बदलाव करने वाले कुछ नए नियम अधिसूचित किए गए हैं। ये बदलाव उपभोक्तओं की शिकायतों के त्वरित निपटारे के लिए किए गए हैं।

नए नियमों के मुताबिक, जिला उपभोक्ता आयोगों के पास अब 50 लाख रुपये मूल्य तक के उत्पादों एवं सेवाओं से जुड़ी शिकायतें सुनने का अधिकार होगा। पहले जिला स्तरीय आयोग एक करोड़ रुपये तक की शिकायतें सुन सकता था।

राज्य स्तरीय उपभोक्ता आयोग के संदर्भ में नई सीमा 50 लाख रुपये से लेकर दो करोड़ रुपये तक की गई है।

पहले उसका अधिकार-क्षेत्र एक करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक था। वहीं, राष्ट्रीय स्तर का उपभोक्ता आयोग अब दो करोड़ रुपये से अधिक मूल्य वाली सेवाओं एवं उत्पादों से जुड़ी उपभोक्ता शिकायतें सुन सकेगा।

केंद्र ने यह बदलाव उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत किए हैं और उपभोक्ता संरक्षण (जिला आयोग, राज्य आयोग एवं राष्ट्रीय आयोग का अधिकारिता) नियम, 2021 को अधिसूचित किया है।

पुराने नियमों के तहत ऊंची सीमा रखे जाने से जिला एवं राज्य स्तरीय उपभोक्ता आयोगों के पास काफी मामले बढ़ गए थे। इसी समस्या को दूर करने और शिकायतों के त्वरित निपटान के लिए मूल्य दायरे को कम किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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