एनजीटी ने फॉक्सवैगन से कारें वापस नहीं बुलाने पर सफाई मांगी
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने वैश्विक उत्सर्जन विवाद में फंसी जर्मन वाहन कंपनी फॉक्सवैगन से 3.23 लाख कारें वापस नहीं बुलाने पर सफाई मांगी है और उसे दंड की चेतावनी दी है।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने वैश्विक उत्सर्जन विवाद में फंसी जर्मन वाहन कंपनी फॉक्सवैगन से 3.23 लाख कारें वापस नहीं बुलाने पर सफाई मांगी है और उसे दंड की चेतावनी दी है। अधिकरण ने कहा कि कंपनी ने अबतक महज 64 फीसद कारें ही वापस मंगवायी है तथा 36 फीसद कारें अब भी सड़कों पर प्रदूषण फैला रही हैं। एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने कंपनी से पूछा है कि अपने आश्वासन के अनुसार कदम नहीं उठाने पर क्यों न उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
पीठ ने कहा, ‘‘विनिर्माता को अन्य देशों में उसके विरुद्ध की गयी कार्रवाइयों के बारे में नवीनतम स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया जाता है। वह सारे वाहनों को वापस नहीं मंगवाने के बारे में भी सफाई दे तथा यह भी बताए कि उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जाए।
आगे के हलफनामों के आधार पर अधिकरण जरुरत के हिसाब से अगले निर्देश जारी कर सकता है। अधिरण ने यह भी निर्देश दिया कि पुणे के ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) की डीजल कारों पर किये गये उत्सर्जन परीक्षण से जुड़ी 2015 की रिपोर्ट सभी संबंधित पक्षों को दी जाए।
फोक्सवैगन इंडिया ने दिसंबर 2015 में उत्सर्जन सॉफ्टवेयर संबंधी चीजें दुरुस्त करने के लिए भारत में 3,23,700 कारें वापस मंगवा लेने की घोषणा की थी क्योंकि कुछ मॉडलों पर एआईएआई के परीक्षण मे पाया गया कि उनकी कारें बीएस IV नियमों से 1.1 - 2.6 गुणा अधिक धुंआ फेंकती हैं।
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