एनजीटी ने यमुना की सफाई पर निगरानी समिति की गठित
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आज यमुना नदी की सफाई के संबंध में एक निगरानी समिति गठित की और उसे इस मुद्दे पर एक कार्य योजना सौंपने का निर्देश दिया।
नयी दिल्ली । राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आज यमुना नदी की सफाई के संबंध में एक निगरानी समिति गठित की और उसे इस मुद्दे पर एक कार्य योजना सौंपने का निर्देश दिया। एनजीटी प्रमुख ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने सेवानिवृत्त विशेषज्ञ सदस्य बी एस सजवान और दिल्ली की पूर्व मुख्य सचिव शैलजा चंद्रा को समिति का सदस्य बनाकर उन्हें सितंबर तक कार्य योजना तथा 31 दिसंबर तक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। एनजीटी ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों से यमुना को पुनर्जीवित करने के लिए समिति की मदद करने को कहा।
एनजीटी ने अधिकारियों को यमुना डूब क्षेत्र पर अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पीठ ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली जल बोर्ड को 30 जुलाई को बैठक करके यमुना सफाई कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत आने वाले एक नाले पर सीवेज शोधन संयंत्र लगाने के लिए जमीन की पहचान करने का निर्देश दिया। एनजीटी ने इससे पहले दिल्ली जल बोर्ड को यमुना की सफाई को लेकर आड़े हाथ लिया था और कहा था कि बीते तीन वर्ष में जमीन पर कोई ‘‘ खास प्रगति ’’ नहीं हुई है। उन्होंने कहा था कि 14 सीवेज शोधन संयंत्रों पर काम शुरू तक नहीं हुआ है। अदालत के 13 जनवरी 2015 के फैसले के अनुसार इनका काम मार्च 2017 तक पूरा होना था। सीवेज शोधन संयंत्र गंदे जल का शोधन करके उसे साफ करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि नदी में कोई गंदगी ना जाये।
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