पहाड़ों पर गंगा तट से 50 मीटर के दायरे में निर्माण गतिविधि नहीं होगी: एनजीटी

NGT says No construction activity within 50m from Ganga edge in hill

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अपने पिछले आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में गंगा नदी के तट के 50 मीटर के दायरे मे निर्माण गतिविधियों पर पाबंदी होगी क्योंकि उसे ‘विकास निषिद्ध क्षेत्र’ के रुप में लिया जाएगा।

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अपने पिछले आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में गंगा नदी के तट के 50 मीटर के दायरे मे निर्माण गतिविधियों पर पाबंदी होगी क्योंकि उसे ‘विकास निषिद्ध क्षेत्र’ के रुप में लिया जाएगा। ‘विकास निषिद्ध क्षेत्र’ ऐसे क्षेत्र हैं जहां वाणिज्यिक एवं आवासीय भवनों समेत कोई भी निर्माण गतिविधि नहीं हो सकती है। एनजीटी अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार की अगुवाई में एक पीठ ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों की स्थलाकृति को ध्यान में रखते हुए अपने आदेश पर पुनर्विचार जरुरी है।

अपने विस्तृत फैसले में अधिकरण ने जुलाई में कहा था, ‘‘जब तक इस फैसले के आलोक में राज्य सरकार बाढ़ के मैदान का सीमांकन करती है तथा मान्य एवं अमान्य गतिविधियों की पहचान करती है तब तक के लिए हम निर्देश देते हैं कि उत्तर प्रदेश में हरिद्वार से उन्नाव तक नदी के किनारे से 100 मीटर की दूरी तक का क्षेत्र विकास निर्माण निषेध क्षेत्र माना जाएगा।’’  लेकिन पीठ ने कहा कि 50-100 मीटर के दायरे में आने वाला क्षेत्र नियामक क्षेत्र समझा जाएगा तथा जब तक राज्य सरकार विशेष नीति लेकर आती है तब तक इस क्षेत्र में निर्माण गतिविधि पर रोक होगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़