सब्सिडी वाले सिलेंडर के नहीं बढ़े दाम, सब्सिडी में आया 60 प्रतिशत उछाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने के बावजूद सरकार ने घरेलू बाजार में सब्सिडीयुक्त एलपीजी सिलेंडर के दाम यथावत रखे हैं जिसकी वजह से एलपीजी सब्सिडी में पिछले दो माह के दौरान 60 प्रतिशत उछाल दर्ज किया गया।
नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने के बावजूद सरकार ने घरेलू बाजार में सब्सिडीयुक्त एलपीजी सिलेंडर के दाम यथावत रखे हैं जिसकी वजह से एलपीजी सब्सिडी में पिछले दो माह के दौरान 60 प्रतिशत उछाल दर्ज किया गया। इंडियन आयल कॉरपोरेशन के चेयरमैंन संजीव सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद सरकार ने आम ग्राहकों को राहत देते हुये घरेलू बाजार में सब्सिडीयुक्त सिलेंडर के दाम नहीं बढ़ाए।
उन्होंने कहा कि बैंक खातों में स्थानांतरित की जाने वाली सब्सिडी राशि मई में जहां 159.29 रुपये प्रति सिलेंडर थी , जून में यह बढ़कर 204.95 रुपये और जुलाई में 257.74 रुपये प्रति सिलेंडर पर पहुंच गई। जून से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एलपीजी के दाम बढ़ रहे हैं। बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर का दाम मई में 653.50 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर था। जून में यह बढ़कर 698.50 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया है। यानी इसमें 48 रुपये की बढ़ोतरी हुई। इस महीने बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 55.50 रुपये और बढ़कर 754 रुपये हो गई।
उपभोक्ताओं को एक साल में सब्सिडी वाले 12 सिलेंडर मिलते हैं। उसके बाद उन्हें बाजार मूल्य पर सिलेंडर लेना पड़ता है। सिंह ने कहा कि एलपीजी के दाम बढ़े हैं लेकिन सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम नहीं बढ़ाए गए। ‘‘ उपभोक्ताओं पर कर के मामूली हिस्से का ही बोझ डाला गया है। नियमों के अनुसार एलपीजी पर जीएसटी गणना ईंधन के बाजार मूल्य पर की जाती है। कीमतें बढ़ने के साथ कर भी बढ़ा है। इससे सब्सिडी वाला सिलेंडर लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए दरों में मामूली वृद्धि हुई है। मई में सब्सिडीयुक्त सिलेंडर का दाम 491.21 रुपये प्रति सिलेंडर था। जून में यह बढ़कर 493.55 रुपये और इस महीने 496.26 रुपये हो
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