नोटबंदी भ्रष्ट लोगों के खिलाफ थी न कि उच्च वर्ग के: नीति आयोग उपाध्यक्ष
सुब्रमणियम की किताब ‘ऑफ काउंसल: द चैलेंजेज ऑफ द मोदी-जेटली इकोनॉमी’ जल्दी ही प्रकाशित होने वाली है। इस पुस्तक में नोटबंदी की आलोचना करते हुए इसे बहुत ही कठोर मौद्रिक झटका बताया है जिससे आर्थिक वृद्धि में गिरावट तेज हुई।
नयी दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम से असहमति जताते हुए शुक्रवार को कहा कि नोटबंदी भ्रष्ट लोगों के खिलाफ थी न कि उच्च वर्ग के। सुब्रमणियम की किताब ‘ऑफ काउंसल: द चैलेंजेज ऑफ द मोदी-जेटली इकोनॉमी’ जल्दी ही प्रकाशित होने वाली है। इस पुस्तक में नोटबंदी की आलोचना करते हुए इसे बहुत ही कठोर मौद्रिक झटका बताया है जिससे आर्थिक वृद्धि में गिरावट तेज हुई।
Niti Aayog VC Rajiv Kumar on accepting P Chidambaram’s challenge of a debate on revised GDP no.s': Please request him to take up the challenge.This work is done by technically most competent people in Central Statistics Office whose work has always been accepted by ppl in office" pic.twitter.com/LrHWxg3u0r
— ANI (@ANI) November 30, 2018
उद्योग मंडल सीआईआई के स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत में कुमार ने कहा, ‘‘मैंने रिपोर्ट देखी है जिसमें सुब्रमणियम के हवाले से कहा गया है कि नोटबंदी उच्च वर्ग के खिलाफ थी। मुझे नहीं पता था कि उन्होंने उच्च वर्ग शब्द का उपयोग क्यों किया। यह कदम उन लोगों के खिलाफ था जिन्होंने भ्रष्ट और गलत तरीके से धन जमा करके रखा था।’’ उन्होंने कहा,‘‘मुझे उम्मीद है कि मेरे दोस्त अरविंद इन लोगों को देश के उच्च वर्ग के अंतर्गत रख रहे हैं क्योंकि मेरा मानना है कि इस देश का उच्च वर्ग ईमानदार, कड़ी मेहनत और कानून पालन करने वाला है।’’ सुब्रमणियम ने हाल में लिखे लेख में कहा कि नोटबंदी की गुत्थी का एक ही उत्तर है कि गरीब लोग अपनी मुश्किलों को नजरंअदाज करने को तैयार थे। वे यह जानते थे कि धनवान और गलत तरीके से संपत्ति प्राप्त करने वालों को ज्यादा मुश्किलें होगी।
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उन्होंने लिखा है, ‘‘उनकी सोच थी कि मेरी तो बकरी गयी लेकिन उनकी तो गायें गयी।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काला धन, नकली मुद्रा और भ्रष्टाचार के खिलाफ आठ नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने का फैसला किया। ।इससे पहले, सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि सरकार पूरी आबादी के स्वास्थ्य संबंधी आंकड़े को डिजिटल रूप देना चाहती है।उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी तथा निजी क्षेत्र के अस्पतालों को आधुनिक प्रौद्योगिकी स्वीकार करने की जरूरत है।
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