आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में 15,000 कंपनियों का पंजीकरण होगा रद्द
कार्पोरेट मामलों का मंत्रालय मुखौटा कंपनियों के खिलाफ लगातार शिकंजा कस रहा है। देशव्यापी अभियान के हिस्से के रूप में, नियमों का अनुपालन नहीं करने पर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की 15,000 से अधिक कंपनियों पर पंजीकरण रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है।
हैदराबाद। कार्पोरेट मामलों का मंत्रालय मुखौटा कंपनियों के खिलाफ लगातार शिकंजा कस रहा है। देशव्यापी अभियान के हिस्से के रूप में, नियमों का अनुपालन नहीं करने पर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की 15,000 से अधिक कंपनियों पर पंजीकरण रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा, दोनों राज्यों की 13,000 से अधिक कंपनियों को नोटिस भी जारी किये जा रहे हैं।
कंपनी पंजीयक (आरओसी) में मौजूद आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, नियमों का अनुपालन नहीं करने पर पिछले वर्ष 20,000 कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया गया था। दोनों राज्यों की करीब 1.27 लाख कंपनियां आरओसी के पास पंजीकृत हैं। कंपनी रजिस्ट्रार कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने वाली कुछ कंपनियों का भौतिक सत्यापन चल रहा है। नियमों का अनुपालन नहीं करने वाली 15,659 कंपनियों की पहचान की गयी है। जल्द ही इनका पंजीकरण रद्द किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि हम और 13,554 कंपनियों को पहला नोटिस जारी कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि तीसरा नोटिस जारी होने से पहले वह स्पष्टीकरण देंगी। यदि अधिकारियों को लगता है कि कंपनी पिछले दो वर्ष से कारोबार नहीं कर रही है तो कंपनी कानून की धारा 248 के तहत आरओसी कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर सकती है।
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