पटेल ने ब्याज दरों के मोर्च पर यथास्थिति, नीतिगत रुख में बदलाव का बचाव किया

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[email protected] । Oct 5 2018 8:37PM

पटेल ने कहा कि रिजर्व बैंक और एमपीसी दोनों ने मूल्यवृद्धि की स्थिति को प्रभावित करने वाले सभी कारकों पर विचार के बाद अपना मुद्रास्फीति का अनुमान तय किया है।

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने नीतिगत दरों पर यथास्थिति कायम रखने और नीतिगत रुख में बदलाव का बचाव किया है। पटेल ने शुक्रवार को कहा कि दो बार लगातार दरों में बढ़ोतरी और निचली मुद्रास्फीति के अनुमामन की वजह से मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सभी को हैरान करते हुए रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया और साथ ही नीतिगत रुख को तटस्थ से सधे तरीके से सख्त करने का किया है। 

केंद्रीय बैंक के इस हैरान करने वाले फैसले से बाजार और रुपया टूट गया। अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में शुक्रवार को कारोबार के दौरान एक समय रुपया 74.23 रुपये प्रति डॉलर तक नीचे आ गया। नीतिगत रुख को तटस्थ से सधे तरीके से सख्त करने वाला किए जाने से यह निष्कर्ष निकलता है कि आगे चलकर केंद्रीय बैंक या तो यथास्थिति कायम रखेगा या ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा। पटेल ने कहा कि नीतिगत रुख को तटस्थ से सधे तरीके से सख्ती वाला इसलिए किया गया है क्योंकि रिजर्व बैंक का मानना है कि जोखिम ज्यादा दिख रहा है। यथास्थिति का बचाव करते हुए पटेल ने कहा, ‘‘यह याद करें कि दो माह में हमने दो बार ब्याज दरें बढ़ाई हैं। हमारे लिए प्रत्येक बैठक में नीतिगत दर बढ़ाना जरूरी नहीं है। 

.. मुद्रास्फीति संबंधी हमारे अनुमानों के हिसाब से अभी इसकी जरूरत नहीं है।’’ पटेल ने कहा कि रिजर्व बैंक और एमपीसी दोनों ने मूल्यवृद्धि की स्थिति को प्रभावित करने वाले सभी कारकों पर विचार के बाद अपना मुद्रास्फीति का अनुमान तय किया है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने भी नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि जहां तक ब्याज दरों का सवाल है नीतिगत रुख पूरी तरह मुद्रास्फीति के लचीले लक्ष्यों पर आधारित है। 

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