पेटेंट छूट से कोविड टीकों के विनिर्माण में तेजी आएगी, कम कीमत, समय पर उपलब्ध होगा: भारत

vaccines

भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) समझौते के तहत बौद्धिक संपदा अधिकारों के कुछ प्रावधानों से अस्थायी तौर पर छूट देना महत्वपूर्ण कदम होगा।

नयी दिल्ली। भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) समझौते के तहत बौद्धिक संपदा अधिकारों के कुछ प्रावधानों से अस्थायी तौर पर छूट देना महत्वपूर्ण कदम होगा। इससे कोविड-19 टीकों और जरूरी चिकित्सा उत्पादों का विनिर्माण तेजी से बढ़ पाएगा और कम कीमत तथा समय पर इनकी उपलब्धता सुनिश्चित होगी। भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्टूबर 2020 में कोविड-19 संक्रमण के इलाज, उसकी रोकथाम के संदर्भ में प्रौद्योगिकी के उपयोग को लेकर डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य देशों के लिये ट्रिप्स (व्यापार संबंधित पहलुओं पर बौद्धिक संपदा अधिकार) समझौते के कुछ प्रावधानों से छूट देने का प्रस्ताव किया। भारत ने इस प्रस्ताव का समर्थन करने को लेकर अमेरिका का स्वागत किया है।

इसे भी पढ़ें: बंगाल में हिंसा की खबरों पर RSS ने कहा- सरकार तुरंत उठाए कदम, दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई

वाणिज्य और उद्योगग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि आम सहमति आधारित रुख से डब्ल्यूटीओ में छूट को तेजी से मंजूरी दी जा सकती है। बौद्धिक संपदा अधिकारों के कुछ प्रावधानों से अस्थायी तौर पर छूट देना महत्वपूर्ण कदम होगा। इससे कोविड-19 टीकों और जरूरी चिकित्सा उत्पादों का विनिर्माण तेजी से बढ़ पाएगा और कम कीमत तथा समय पर इनकी उपलब्धता सुनिश्चित होगी।’’ प्रस्ताव को 120 से अधिक देशों का समर्थन मिला है।

इसे भी पढ़ें: फार्मा कंपनी नहीं दे रही महाराष्ट्र को तय संख्या में रेमडेसिविर दवा: राजेश टोपे

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘हम इस पहल का समर्थन करने और सस्ता कोविड-19 टीकों के लिये काम कर रहे 120 देशों के साथ खड़े होने को लेकर अमेरिकी सरकार का स्वागत करते हैं।’’ बयान के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ 26 अप्रैल को फोन पर बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें डब्ल्यूटीओ में भारत की पहल के बारे में सूचना दी जिसका मकसद मानवता को लाभ पहुंचाना है।

बाइडेन प्रशासन ने डब्ल्यूटीओ में भारत और दक्षिण अफ्रीका के कोविड-19 टीकों को लेकर पेटेंट नियमों में ढील दिये जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया है। इसे महामारी के खिलाफ वैश्विक अभियान में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। इससे सस्ती दरों पर टीकों की आपूर्ति विकासशील और कम विकसित देशों को हो सकेगी। आंतरिक स्तर पर गहन चर्चा के बाद अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने बुधवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह वैश्विक स्वास्थ्य संकट और असाधारण स्थिति है। इसके लिये असाधारण उपायों की जरूरत है। बाइडन प्रशासन ने प्रमुख दवा कंपनियोंके कड़े विरोध के बावजूद यह अहम फैसला लिया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़