पीवीआर-डीटी सिनेमा समझौते पर सीसीआई ने हामी भरी
सिनेमाघरों का संचालन करने वाली देश की दिग्गज कंपनी पीवीआर द्वारा डीएलएफ के डीटी सिनेमाज के प्रस्तावित अधिग्रहण समझौते को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की ओर से हरी झंडी मिल गई है।
सिनेमाघरों का संचालन करने वाली देश की दिग्गज कंपनी पीवीआर द्वारा डीएलएफ के डीटी सिनेमाज के प्रस्तावित अधिग्रहण समझौते को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की ओर से हरी झंडी मिल गई है। हालांकि, समझौते को लेकर व्याप्त प्रतिस्पर्धा रोधी चिंताओं को दूर करने के लिए आयोग ने कंपनियों से कुछ संपत्ति को समझौते के बाहर रखने का निर्देश दिया है। पिछले साल जून में पीवीआर ने 500 करोड़ रुपये में डीटी सिनेमाज के अधिग्रहण की घोषणा की थी जबकि ऐसा ही एक सौदा फरवरी 2010 में निरस्त हो गया था।
इस समझौते से संबंधित बाजार में प्रथम दृष्ट्या प्रतिस्पर्धा पर असर पड़ने की चिंताओं के चलते आयोग ने पिछले साल इस सौदे की सार्वजनिक सुनवाई करने का निर्णय लिया था। आज आयोग ने एक ट्वीट करके बताया कि उसने पीवीआर द्वारा डीटी सिनेमाज के दिल्ली एनसीआर और चंडीगढ़ स्थित विभिन्न सिनेमाघरों के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है। डीएलएफ ने शेयर बाजार को बताया कि अब इस सौदे से डीटी सावित्री (एक स्क्रीन) और डीटी साकेत (छह स्क्रीन) को अलग रखा जाएगा और इससे इस समझौते की रकम 50-60 करोड़ रुपये तक कम हो जाएगी। इस सौदे को आयोग से इन शर्तों के साथ हरी झंडी मिल गई है। इस बीच पीवीआर ने कहा कि वह आयोग के आदेश की समीक्षा कर रही है और उसके बाद उचित कदम उठाएगी। दोनों कंपनियां इस सौदे को सफलतापूर्वक करने के लिए कदम उठा रही हैं। हालिया समय में यह तीसरा मौका है जब आयोग ने प्रतिस्पर्धा-रोधी चिंताओं के चलते बड़े सौदों में कटौती करने को कहा है। इससे पहले सन फार्मा और रैनबैक्सी एवं होलसिम और लफार्ज के सौदे इसकी मिसाल हैं।
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