महाराष्ट्र में कपास की फसल पर फिर गुलाबी सूंडी कीड़े का प्रकोप
महाराष्ट्र में इस साल भी कपास के डोडे पर लगने वाले पीली सूंडी का प्रकोप फैल गया है। इससे किसानों और राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है।
मुंबई। महाराष्ट्र में इस साल भी कपास के डोडे पर लगने वाले पीली सूंडी का प्रकोप फैल गया है। इससे किसानों और राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है। पिछले साल भी मध्य और पूर्वी महाराष्ट्र के इलाकों में इस कीड़े से कपास की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया था। राज्यों के इन्हीं क्षेत्रों में मुख्य रूप से कपास का उत्पादन होता है। कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस साल गुलाबी सूंडी ने विदर्भ के अकोला तथा वाशिम जिलों तथा मराठवाड़ा के नांडेड़ और परभनी जिलों में हमला बोला है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इस कीट की उपस्थिति फिर दिख रही है। यह पौधों में शुरूआती चरण में ही हमला बोलता है। यदि इस पर समय से नियंत्रण नहीं किया गया, तो पौधे सूख जाते हैं और उनसे कोई उत्पादन नहीं होता।’’ अधिकारी ने कहा कि राज्य में इस साल कपास की खेती 37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है। पिछले साल यह आंकड़ा 41 लाख हेक्टेयर का था।
राज्य में इसकी बुवाई आमतौर पर अप्रैल से जुलाई के दौरान की जाती है। जो किसान सीजन से पहले अप्रैल-मई में बुवाई करते थे, वे अब अन्य फसलों की ओर स्थानांतरित हो गए हैं। इससे राज्य में कपास की खेती का आंकड़ा नीचे आ गया है। नांडेड़ जिले के एक किसान ने कहा कि राज्य सरकार ने पिंक बोलवॉर्म के नियंत्रण के बारे में कोई आश्वासन नहीं दिया है। साथ ही किसानों को यह भी नहीं बताया गया है कि वे इसे फैसले से रोकने के लिए कौन सी आधुनिक तकनीक अपना सकते हैं।
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