सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात में 2018 से लग सकता है वैट

PM Modi did not question commitment of Congress leaders, says Jaitley

बड़ी संख्या में विदेशी श्रमिकों को रोजगार देकर उन्हें कर-मुक्त जीवनशैली का भरोसा देने वाले सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे खाड़ी देश भी अब कर लगाने की राह पर चलने की योजना बना रहे हैं।

दुबई। बड़ी संख्या में विदेशी श्रमिकों को रोजगार देकर उन्हें कर-मुक्त जीवनशैली का भरोसा देने वाले सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे खाड़ी देश भी अब कर लगाने की राह पर चलने की योजना बना रहे हैं। तीन साल पहले कच्चे तेल की कीमतों में भारी कमी के चलते राजस्व को बढ़ाने के लिए उनकी योजना अगले साल से अधिकतर माल एवं सेवाओं पर 5% कर लगाने की है।

यह मूल्यवर्द्धित कर (वैट) खाने-पीने, कपड़ों, इलेक्ट्रॉनिक्स और गैसोलिन के साथ-साथ फोन, पानी-बिजली बिल और होटल में कमरों की बुकिंग पर लगाए जाने का प्रस्ताव है। दुबई में नौकरी की तलाश कर रही 23 वर्षीय छात्रा एल्दा नगोम्बे का कहना है कि अगले साल कीमत वृद्धि से पहले यदि कोई वस्तु वह खरीदना चाहती हैं तो वह मेकअप किट है। ‘मैं मेकअप के बिना रह ही नहीं सकती।

मैं थोड़ी डरी हुई थी हूं क्योंकि दुबई में पहले ही सब कुछ वास्तव में बहुत महंगा है। इस पर 5% कर लगाना बड़ा अजीब ख्याल है।’ उम्मीद है कि इस कर प्रणाली से रीयल एस्टेट की बिक्री, किराये, एयरलाइन टिकट, कुछ विशेष इलाज और स्कूलों की फीस को बाहर रखा जाएगा। अन्य खाड़ी देशों के आने वाले सालों में अपनी वैट व्यवस्था लाने की भी संभावना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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