PM मोदी ने भूटान में मांगदेछू पनबिजली संयंत्र का किया उद्घाटन
इस परियोजना का विकास 4,500 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह मध्य भूटान के त्रोंग्सा जोंगखाग जिले में मांगदेछू नदी की धारा विकासित की गयी है।
थिम्पू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भूटान में मांगदेछू पनबिजली संयंत्र का उद्घाटन किया। 720 मेगावाट क्षमता की यह परियोजना भूटान में भारत सरकार के समर्थन से 2020 तक 10,000 मेगावॉट पनबिजली पैदा करने की स्थानीय सरकार की पहल के तहत स्थापित बड़ी परियोजना है। इस संयंत्र को भूटान-भारत मैत्री परियोजना के तौर पर प्रचारित किया गया है। इस परियोजना का विकास 4,500 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह मध्य भूटान के त्रोंग्सा जोंगखाग जिले में मांगदेछू नदी की धारा विकासित की गयी है। इसका निर्माण मांगदेछू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट अथॉरिटी (एमएचपीए) ने कराया है।
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मोदी ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पनबिजली का क्षेत्र दोनों देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। दोनों देशों ने भूटान की नदियों की शक्ति को ना सिर्फ बिजली में बदला है बल्कि इसे पारस्परिक समृद्धि का साधन भी बनाया है। मांगदेछू परियोजना के उद्घाटन के साथ आज हमने इस यात्रा में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के सहयोग से भूटान में पनबिजली उत्पादन क्षमता 2,000 मेगावॉट को पार कर चुकी है। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि हम अन्य परियोजनाओं को भी तेजी से आगे बढ़ाएंगे। भारत ने मांगदेछू परियोजना के लिए 70 प्रतिशत ऋण एवं 30 प्रतिशत अनुदान दिया है।
मोदी द्वारा परियोजना को भूटान के लोगों को समर्पित किये जाने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि भारत-भूटान संबंधों में एक महत्वपूर्ण पड़ा पर पहुंचने का उत्सव है...यह परियोजना दिखाती है कि किस प्रकार दो देश एकसाथ काम करते हुए लोगों की जिंदगी में बहुत अधिक सुधार ला सकते हैं। इस परियोजना की बिजली से भूटान की बिजली की ज्यादातर मांग पूरी हो जाएगी। बची बिजली भारत को भेजी जाएगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने परियोजना के वीडियों के साथ ट्वीट किया कि पारस्परिक लाभ के लिए जल-शक्ति का उपयोगा। मोदी ने पनबिजली क्षेत्र में भारत-भूटान के संबंधों के पांच दशक पूरे होने के उपलक्ष्य में एक डाक-टिकट भी जारी किया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि प्रगति और आर्थिक वृद्धि के लिए जनसंसाधनों को सन्नध करने के 50 वर्ष। भारत-भूटान पनबिजली सहयोग के पांच दशक पूरे होने की खुशी में दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा आज शाम एक डाक-टिकट भी जारी किया।
50 years of harnessing water resources for progress and growth.
— PMO India (@PMOIndia) August 17, 2019
Stamps celebrating five decades of India-Bhutan hydropower cooperation were released by both Prime Ministers earlier this evening. Extensive cooperation in this sector has augured well for India as well as Bhutan. pic.twitter.com/IxAaK5dBKd
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