नीति आयोग ने देबरॉय के विचार से स्वयं को अलग किया
सरकार के प्रमुख शोध संस्थान नीति आयोग ने अपने सदस्य विवेक देबरॉय की कृषि आय पर कर लगाने के बयान से स्वयं को अलग कर लिया है।
सरकार के प्रमुख शोध संस्थान नीति आयोग ने अपने सदस्य विवेक देबरॉय की कृषि आय पर कर लगाने के बयान से स्वयं को अलग कर लिया है। आयोग का कहना है कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है। तीन वर्षीय कार्य एजेंडा पेश किये जाने के मौके पर संवाददाता सम्मेलन में देबरॉय ने कहा था कि कर आधार बढ़ाने के लिये एक निश्चित सीमा से अधिक आय पर कर लगाया जाना चाहिए। संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा था, ‘‘व्यक्तिगत आयकर का आधार बढ़ाने के लिये छूट समाप्त करने के साथ एक निश्चित सीमा से अधिक कृषि आय समेत ग्रामीण क्षेत्र में कर लगाने की जरूरत है।’’
नीति आयोग ने आज एक बयान में कहा, ‘‘कृषि आय पर कर लगाने का सुझाव सदस्य विवेक देबरॉय का व्यक्तिगत विचार है और आयोग की यह राय नहीं है।’’ मीडिया में इस रिपोर्ट के बाद कि नीति आयोग ने अपने तीन साल के कार्य एजेंडा के मसौदे में देश में आयकर आधार बढ़ाने के लिये कृषि आय पर कर लगाने की सिफारिश की है, आयोग ने स्पष्टीकरण जारी किया। बयान के अनुसार, ‘‘नीति आयोग स्पष्ट रूप से कहता है कि न तो यह आयोग का विचार है और न ही उस कार्य एजेंडा के मसौदा दस्तावेज में ऐसी कोई सिफारिश की गयी है जो 23 अप्रैल 2017 को संचालन परिषद की बैठक में वितरित किया गया था।’’
इससे पहले, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा, ‘‘केंद्र सरकार की कृषि आय पर किसी प्रकार का कर लगाने की कोई योजना नहीं है। संविधान के तहत दी गयी शक्तियों के तहत कृषि आय पर कर लगाना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।’’
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