बैंकों को वित्त पोषण से पहले आभूषण क्षेत्र को समझना चाहिए: प्रभु

Prabhu said Banks should understand jewelery sector before financing
[email protected] । May 11 2018 8:22PM

प्रभु ने आज यहां रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, सोना, रत्न एवं आभूषण और हीरे का कारोबार भारत में बड़े रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।

मुंबई। वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि रत्न और आभूषण उद्योग रोजगार सृजन का एक प्रमुख स्रोत है। इस वजह से इसके लिए ऐसी बैंकिंग प्रणाली की आवश्यकता है जो इस क्षेत्र को समझता हो और जो बगैर कोई जोखिम उठाये इस क्षेत्र के विकास को समर्थन प्रदान करे। उन्होंने बैंकों से किसी भी संभावित धोखाधड़ी से बचने के लिए उचित जोखिम बचाव तंत्र स्थापित करने का आग्रह किया। प्रभु ने आज यहां रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "सोना, रत्न एवं आभूषण और हीरे का कारोबार भारत में बड़े रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं। हम एक बैंकिंग प्रणाली चाहते हैं जो व्यापार को सही तरीके से समझती है। बैंकों को कोई भी बेमतलब का जोखिम नहीं लेना चाहिए।’’

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मार्च में पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपये के नीरव मोदी घोटाले के बाद व्यापार वित्तपोषण के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले गारंटी पत्र (एलओयू) और आश्वासन पत्र (एलओसी) पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है जिसके बाद रत्न एवं आभूषण क्षेत्र वित्त पोषण की समस्या का सामना कर रहा है।प्रभु ने कहा कि सरकार किसी भी ऐसी व्यावसायिक गतिविधि का समर्थन नहीं करेगी जो नैतिक न हो और बैंक के योग्य नहीं हो। पीएनबी धोखाधड़ी की ओर इशारा करते हुए वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया ने कहा कि बैंकों तथा रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है। 

उन्होंने कहा, "बैंकिंग क्षेत्र को यह भी जानना चाहिए कि इस विफलता का कारण वास्तव में हमारी खुद की बैंकिंग प्रणाली की विफलता थीं। "इस बीच, आज सरकार को जीजेईपीसी द्वारा प्रस्तुत एक श्वेत पत्र में , परिषद ने भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) से एक कारोबार कवरेज की मांग की है। ईसीजीसी से कवर 2014 तक उपलब्ध था, लेकिन बाद में बंद कर दिया गया था।वाणिज्य सचिव ने बैंकों से लघु एवं मझोले उपक्रमों (एसएमई) क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। ये क्षेत्र वित्तपोषण की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "अगर हम एसएमई की उपेक्षा करते हैं तो हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र को पीछे कर देंगे।

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