लोकसभा में GST संशोधन विधेयक पेश, रिटर्न भरने की प्रक्रिया को बनाया जाएगा सरल

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[email protected] । Aug 7 2018 7:35PM

संशोधन विधेयक पेश किये जाने का कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने विरोध करते हुए दावा किया कि इससे पंजाब को प्रतिवर्ष 10 हजार करोड़ रूपये का राजस्व नुकसान होगा।

नयी दिल्ली। लोकसभा में आज केंद्रीय माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संशोधन विधेयक, समन्वित माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक, केंद्र शासित प्रदेश माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक तथा माल एवं सेवा कर राज्यों को मुआवजा संशोधन विधेयक 2018 पेश किये गये। इनमें संयुक्त उदग्रहण योजना (कंपोजिशन स्कीम) के तहत करदाताओं के पात्र होने की ऊपरी सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये करने, रिटर्न संबंधी त्रैमासिक विवरणी दायर करने की प्रक्रिया, रिटर्न की प्रक्रिया को सरल बनाने जैसे प्रावधान किये गए हैं। संशोधन विधेयक पेश किये जाने का कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने विरोध करते हुए दावा किया कि इससे पंजाब को प्रतिवर्ष 10 हजार करोड़ रूपये का राजस्व नुकसान होगा।

उन्होंने कहा कि इसके कारण लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्यम को नुकसान होगा। इस बारे में संशोधन विधेयक जल्दबाजी में लाया गया है। इससे पहले इन विषयों के बारे में पंजाब के साथ चर्चा नहीं की गई। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के साथ चल रही है। जीएसटी एक महत्वपूर्ण पहल है और जीएसटी परिषद में केंद्र के साथ राज्य भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी एक नया कानून है जो दूरगामी प्रभाव वाला है। इसके तहत 40 से अधिक कर एव उपकरों के स्थान पर एक कर व्यवस्था लाने की पहल की गई है। इस विषय पर कई अनुभव हमारे सामने आए हैं और इसी के अनुरूप सुधार हो रहे हैं।

वित्त मंत्री ने उन आरोपों को खारिज किया कि पंजाब के साथ चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पंजाब इस नई कर व्यवस्था के पक्ष में सबसे आगे रहने वाले राज्यों में शामिल रहा है। इस संबंध में विधि कमेटी की रिपोर्ट पर व्यापक चर्चा हुई है।गोयल ने कहा कि इस संशोधन के माध्यम से कम्पोजिशन स्कीम को व्यवहारिक बनाते हुए इसके दायरे को एक करोड़ रूपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रूपये किया गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था में सुधार करते हुए लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म क्षेत्र के उद्यमों की खासतौर पर चिंता की गई है। इस विषय पर वित्त राज्य मंत्री के नेतृत्व में एक समिति का भी गठन किया गया है जो सभी विषयों पर विचार करेगा। 

पीयूष गोयल ने कहा कि रिटर्न भरने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए ‘सहज’ एवं ‘सुलभ’ नाम से एक पन्ने के फार्म पेश किये गए हैं। इसके साथ ही पांच करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाले जीएसटी में पंजीकृत लोगों को तीन महीने में एक बार रिटर्न भरने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि कपड़ा क्षेत्र की इसमें विशेष चिंता की गई है। इसके साथ शिल्पकारों, पत्थर की मूर्तियां बनाने वालों, लकड़ी की कलाकृतियां बनाने वालों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। छोटे कलाकारों को तरजीह देते हुए राखी को भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि प्रस्तावित केंद्रीय माल और सेवा 2018 में अन्य बातों के अलावा पूर्ति के विस्तार को स्पष्ट करने के लिये अधिनियम की धारा 7 का संशोधन करने का उपबंध किया गया है।

अधिनियम की धारा 10 में संशोधन करके संयुक्त उद्ग्रहण की सीमा को एक करोड़ रूपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रूपये करने की बात कही गई है। अधिनियम की धारा 22 का संशोधन करके विशेष प्रवर्ग राज्यों में पंजीकरण के लिये छूट की सीमा को 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 20 लाख रूपये करने का प्रावधान किया गया है।इसके तहत अधिनियम की धारा 25 में संशोधन करके करदाताओं को यह विकल्प प्रदान करने की व्यवस्था दी गई है कि वे समान राज्यों या संघ राज्य क्षेत्र में स्थित कारोबार के बहु स्थानों के लिये बहु पंजीकरण प्राप्त कर सकें। इसके साथ ही विशेष आर्थिक जोन यूनिट या विकासकर्ता के लिये अलग पंजीकरण करने की व्यवस्था बनाई गई।इसके तहत अपील दायर करने की संदेय पूर्व जमा रकम की अधिकतम सीमा को 25 करोड़ रूपये तक नियत किया जा रहा है।

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