वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये PM Modi ने किया Mauritius Supreme Court का उद्घाटन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के विकास सहयोग में कोई भी शर्त अंतर्निहित नहीं होती है।मोदी ने मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द जगन्नाथ के साथ बृहस्पतिवार को पोर्ट लुई में संयुक्त रूप से मॉरिशस के उच्चतम न्यायालय के नए भवन के उद्घाटन के दौरान ये बातें कहीं।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के विकास सहयोग में कोई भी शर्त अंतर्निहित नहीं होती है और न ही कोई राजनीतिक या वाणिज्यिक हित जुड़ा होता है। उन्होंने कहा कि हमारे विकास सहयोग का मुख्य सिद्धांत हमारे साझेदारों का सम्मान ‘विविधता’, ‘भविष्य के लिए चिंता’ और ‘सतत विकास’ के प्रमुख मूल्यों पर आधारित हैं। मोदी ने मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द जगन्नाथ के साथ बृहस्पतिवार को पोर्ट लुई में संयुक्त रूप से मॉरिशस के उच्चतम न्यायालय के नए भवन के उद्घाटन के दौरान ये बातें कहीं। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये किए गए इस उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ विकास के प्रति भारत का रुख मानव केंद्रित है। हम मानवता के कल्याण के लिये काम करना चाहते हैं।’’ मोदी ने कहा कि आधुनिक डिजाइन एवं अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित नया सुप्रीम कोर्ट भवन मॉरीशस न्यायपालिका के लिए एक उपयुक्त स्‍थान और सहयोग के साथ-साथ भारत एवं मॉरीशस के साझा मूल्यों का भी प्रतीक होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत और मॉरिशस स्वतंत्र न्यायपालिका का हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली के महत्वपूर्ण स्तम्भ के रूप में सम्मान करते हैं। ’’

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मोदी ने कहा कि इतिहास हमें बताता है कि विकासात्मक गठजोड़ के नाम पर देशों को निर्भरता वाले गठजोड़ के लिये मजबूर किया गया। इसने उपनिवेशवाद और राजशाही शासन को बढ़ावा दिया। इसने वैश्विक सत्ता ब्लाक को बढ़ावा दिया और इससे मानवता प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि विकास साझेदारी का भारत का प्रमुख सिद्धांत साझेदारों का सम्मान है। उन्होंने जोर दिया कि यह भारतीय विकास सहयोग को ‘सम्मान’, ‘विविधता’, ‘भविष्य के लिए चिंता’ और ‘सतत विकास’ के प्रमुख मूल्यों के रूप में विशिष्‍टता प्रदान करता है। मोदी ने कहा, ‘‘ भारत के विकास सहयोग में कोई भी शर्त अंतर्निहित नहीं होती हैऔर न ही कोई राजनीतिक या वाणिज्यिक हित जुड़ा होता है। ’’ उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि उनकी देशभक्ति में मानवता की भलाई शामिल है। इसलिये भारत की मेरी सेवा में मानवता की सेवा शामिल है। यह भारत के लिये मार्गदर्शक दर्शन है। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत खुद विकसित होना चाहता है और दूसरों को उनकी विकास जरूरतों में मदद करना चाहता है। ’’

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प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का विकास गठजोड़ विविधतापूर्ण है। यह वाणिज्य से संस्कृति, ऊर्जा से इंजीनियरिेंग, स्वास्थ्य से आवास, आईटी से आधारभूत ढांचा, खेल से विज्ञाान तक है और भारत दुनिया भर के देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर भारत अफगानिस्तान को उसके संसद भवन निर्माण में मदद कर सम्मानित हुआ है तब उसे इस बात का भी गर्व है कि वह नाइजर में महात्मा गांधी कन्वेशन सेंटर के निर्माण से भी जुड़ा रहा। भारत को नेपाल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद कर प्रसन्नता है, तो उसने श्रीलंका के नौ प्रांतों में आपात एम्बुलेंस सेवा स्थापित करने के देश के प्रयासों में मदद की है। उन्होंने अफगानिस्तान, मालदीव, गुआना, श्रीलंका में कई परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों में भारत के सहयोग का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा कि मॉरिशस के साथ विकास सहयोग दरअसल विकास साझेदारियों से जुड़े भारतीय दृष्टिकोण के केंद्र में है। भारत मॉरिशस के लोगों की उपलब्धियों पर गर्व करता है तथा आने वाले वर्षों में दोनों देशों के संबंध और भी नई ऊंचाइयों पर पहुंच जाएंगे। मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द जगन्नाथ ने इस परियोजना के लिए भारत से मिली सहायता की हृदय से सराहना की, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग के प्रगाढ़ संबंधों को प्रतिबिंबित करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय सहायता से बनाया गया नया सुप्रीम कोर्ट भवन मॉरिशस में बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक नया मील का पत्थर है तथा इससे मॉरिशस की न्याय प्रणाली को और भी अधिक प्रभावकारी, सुलभ एवं समावेशी बनाने में मदद मिलेगी।

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