दलहन एमएसपी, बोनस पर पुनर्विचार के लिए समिति

[email protected] । Jul 11 2016 5:30PM

केन्द्र सरकार ने आज दलहन खेती को प्रोत्साहन देने के लिए उसके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और बोनस पर पुनर्विचार को एक समिति गठित करने का फैसला किया है।

दलहन कीमतों को नियंत्रित करने के हरसंभव तरीके अपनाने के बाद केन्द्र सरकार ने आज दलहन खेती को प्रोत्साहन देने के लिए उसके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और बोनस पर पुनर्विचार को एक समिति गठित करने का फैसला किया है। दलहन के बफर स्टॉक की सीमा को मौजूदा आठ लाख टन से 20 लाख टन तक बढ़ाते हुए सरकार से सरकार के स्तर पर अन्य दलहन उत्पादक राज्यों से आयात की संभावनाओं को तलाशने का फैसला किया है।

यह फैसला वित्त मंत्री अरण जेटली की अगुवाई वाले उच्च स्तरीय मंत्रिमंडलीय समूह की बैठक द्वारा लिया गया। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान और शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू भी इस बैठक में उपस्थित थे। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पासवान ने कहा, 'सरकार ने दलहन पर एक दीर्घावधिक नीति को तैयार करने के लिए मुख्य आर्थिक सलाहकार के तहत एक समिति को गठित करने का फैसला किया है जो एमएसपी और बोनस सहित विभिन्न विकल्पों के बारे में गौर करेगी।' उन्होंने कहा कि समिति मौजूदा समय में दलहनों को दिये जा रहे एमएसपी और बोनस का पुनरीक्षण करेगी और भारत में दलहन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए उपयुक्त नीति तैयार करेगी पासवान ने कहा, 'मेरे हिसाब से, एमएसपी के मुकाबले उत्पादन पर दिया जाने वाला बोनस कहीं अधिक फलदायी साबित होगा।' उन्होंने कहा कि समिति दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी।

सरकार ने पहले ही फसल वर्ष 2016.17 के लिए खरीफ दलहनों के एमएसपी में भारी वृद्धि की घोषणा की है। अब यह देखा जाना बाकी है कि क्या सरकार चालू खरीफ सत्र में समिति की रिपोर्ट के आधार पर दलहन उत्पादकों के लिए और अधिक सहायता की घोषणा करेगी अथवा रबी सत्र में उस पर विचार करेगी। इसके अलावा, पासवान ने कहा कि सरकार ने दलहन बफर स्टॉक के आकार 

को चालू वर्ष के लिए दालों के बफर स्टॉक का आकार आठ लाख टन से बढ़ाकर 20 लाख टन करने का फैसला किया है। पहले से ही सरकार ने फसल वर्ष 2016.17 (जुलाई से जून) में करीब 1.19 

लाख टन तुअर जैसे दलहन की खरीद की है जिसे राज्य सरकारों को 120 रुपये प्रति किलो की सब्सिडीप्राप्त दर पर खुदरा वितरण करने के लिए दिया जा रहा है।

पासवान ने कहा, 'राज्य सरकारों के ढीले ढाले रवैये के कारण केन्द्र सरकार की छवि को धूमिल किया जा रहा है। मैं एक बार फिर सभी राज्यों से अपील करता हूं कि वे हमसे दलहनों की उठान करें। समधान के लिए उनके पास आधारभूत ढांचा है।'

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