बेहतर मानसून से दलहन बुवाई क्षेत्र 41 प्रतिशत बढ़ा

[email protected] । Jul 30 2016 2:10PM

मानसून की बेहतर वर्षा से मौजूदा खरीफ सत्र में दलहन का बुवाई क्षेत्र 41 प्रतिशत बढ़कर 110.35 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। इससे खरीफ के दौरान दलहन उत्पादन अधिक रहने की संभावना है।

मानसून की बेहतर वर्षा से मौजूदा खरीफ सत्र में दलहन का बुवाई क्षेत्र अब तक 41 प्रतिशत बढ़कर 110.35 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। इससे खरीफ के दौरान दलहन उत्पादन अधिक रहने की संभावना है। पिछले सत्र में इस अवधि के दौरान दलहन बुवाई क्षेत्र 78.25 लाख हेक्टेयर था। सरकार को उम्मीद है कि फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई-जून) के दौरान दालों का उत्पादन बढ़कर 2 करोड़ टन पर पहुंच जाएगा, जो पिछले साल 1.7 करोड़ टन रहा था। इससे दालों की ऊंची खुदरा कीमतों पर काबू पाने में मदद मिलेगी।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राज्यों से मिली रपटों के अनुसार, ‘‘29 जुलाई, 2016 तक कुल बुवाई क्षेत्र बढ़कर 799.51 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले साल इस दौरान 752.29 लाख हेक्टेयर था। इस खरीफ सत्र में धान का बुवाई क्षेत्र बढ़कर 231.92 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले सत्र में 225.68 लाख हेक्टेयर था। मोटे अनाजों का बुवाई क्षेत्र 144.84 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 150.76 लाख हेक्टेयर हो गया। इसी तरह तिलहन का बुवाई क्षेत्र 147.98 लाख से बढ़कर 159.78 लाख हेक्टेयर तथा गन्ने का बुवाई क्षेत्र 45.91 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 46.83 लाख हेक्टेयर हो गया। इसी प्रकार दलहन का बुवाई क्षेत्रफल इस अवधि में 78.25 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 110.35 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। हालांकि, इस दौरान कपास का बुवाई क्षेत्र 101.91 लाख हेक्टेयर से घटकर 92.33 लाख हेक्टेयर रह गया।

धान और खरीफ मौसम की दूसरी फसलों की बुवाई दक्षिण पश्चिम मानसून के आने के साथ ही जून में शुरू हो जाती है और कटाई अक्तूबर के बाद शुरू होती है। मौसम विभाग ने इस बार मानसून की वर्षा सामान्य से बेहतर रहने का अनुमान व्यक्त किया है। अच्छी वर्षा के चलते सरकार को चालू कृषि उत्पादन वर्ष के दौरान 27 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन होने की उम्मीद है। इससे पिछले दो सालों में 25.20 करोड़ टन के आसपास पैदावार रही।

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