पंजाब नेशनल बैंक की पूंजी पर्याप्तता नियामकीय जरूरतों से कम
मार्च 2018 के आखिर में बैंक का कुल पूंजी अनुपात बासेल - तीन नियमों के हिसाब से घटकर 9.20 प्रतिशत रह गया जो मार्च 2017 के आखिर में 11.66 प्रतिशत था।
नयी दिल्ली। घोटाले में फंसे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की पूंजी पर्याप्तता भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय नियामकीय जरूरत से भी कम हो गई है। वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में अप्रत्याशित घाटे के कारण बैंक के पूंजी पर्याप्तता अनुपात में यह कमी आई है। मार्च 2018 के आखिर में बैंक का कुल पूंजी अनुपात बासेल - तीन नियमों के हिसाब से घटकर 9.20 प्रतिशत रह गया जो मार्च 2017 के आखिर में 11.66 प्रतिशत था। संचयी आधार पर पूंजी पर्याप्तता अनुपात घटकर 9.82 प्रतिशत रह गया जो कि पहले की समान अवधि में 11.98 प्रतिशत रहा था।
रिजर्व बैंक के नियमों के हिसाब से कुल पूंजी पर्याप्तता 11.5 प्रतिशत होना चाहिए। इस लिहाज से बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 31 मार्च 2018 को नियामकीय जरूरत से कम हो गया। बैंक ने आज शेयर बाजारों को सूचित किया, ‘बैंक की पूंजी स्थिति 31 मार्च 2018 को भारतीय रिजर्व बैंक व हांगकांग मोनेट्री अथारिटी के नियामकीय अनिवार्यता स्तर से कम रही। इसके मद्देनजर बैंक की हांगकांग शाखा की निगरानी बढ़ाई गई है।’ उल्लेखनीय है कि बैंक 14000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में फंसा है। जनवी मार्च तिमाही में बैंक को 13,416.91 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
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