पंजाब ऋण जाल से किसानों को बचाने के लिए कानून को सख्त बनाएगा
किसानों को ऋणजाल से बचाने के प्रयास के तहत पंजाब मंत्रिमंडल ने आज निजी साहूकारों के लिए अपना कारोबार चलाने के लिए लाईसेंस हासिल करना और किसानों के लिए ऋण की राशि की सीमा तय करना
चंडीगढ़। किसानों को ऋणजाल से बचाने के प्रयास के तहत पंजाब मंत्रिमंडल ने आज निजी साहूकारों के लिए अपना कारोबार चलाने के लिए लाईसेंस हासिल करना और किसानों के लिए ऋण की राशि की सीमा तय करना अनिवार्य बनाने का फैसला किया।
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने पंजाब कृषि ऋणग्रस्तता निस्तारण अधिनियम, 2016 में संशोधन कर ये और अन्य कृषक समर्थक उपाय प्रदान करने का फैसला किया। मंत्रिमंडल ने 2016 के कानून में संशोधन करने के लिए विधेयक को मंजूरी दी और इसे कल से शुरू हो रहे सत्र में विधानसभा में पेश करने का निर्णय लिया।
पंजाब कृषि ऋणग्रस्तता निस्तारण (संशोधन) विधेयक, 2018 में ऋण की राशि की सीमा तय करने का प्रावधान है जो किसान प्रति एकड़ जमीन के लिए मांग सकता है। नये कानून के तहत सरकार को साहूकारों द्वारा किसानों को दिये जाने वाले ऋण पर ब्याजदर को विनियमित करने का अधिकार होगा।
साहूकार को अपने कारोबार के लिए लाइसेंस हासिल करना होगा। बिना लाइसेंस वाले साहूकारों के कारोबार को गैरकानूनी माना जाएगा और वह। अपने ऋण को पुनः प्राप्त करने के लिए मामले को ऋण निपटान मंचों को स्थानांतरित करने के अधिकारी नहीं होंगे।
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