स्थानीय कौशल के विकास पर ज्यादा जिम्मेदारी उठाये- आई-लीग सीईओ
धार ने फिक्की के जीओएएल शिखर सम्मेलन 2019 में कहा, ‘‘अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ ने 2012 में क्लब लाइसेंसिंग प्रणाली की शुरूआत की थी जिसमें उसका मुख्य उद्देश्य घरेलू प्रतिभा को निखारना है।
नयी दिल्ली। आई-लीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनंदो धर का मानना है कि क्लब लाइसेंसिंग मानदंड में टीमों को अपने क्षेत्र में जमीनी स्तर पर कौशल के विकास के लिए प्रोत्साहित किया है।
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धार ने फिक्की के जीओएएल शिखर सम्मेलन 2019 में कहा, ‘‘अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ ने 2012 में क्लब लाइसेंसिंग प्रणाली की शुरूआत की थी जिसमें उसका मुख्य उद्देश्य घरेलू प्रतिभा को निखारना है।’’
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To develop football, local talent need to be given chance: I-League CEO https://t.co/Q71jzmExiE pic.twitter.com/lrakJ7GATY
— The Siasat Daily (@TheSiasatDaily) March 30, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘क्लब लाइसेंसिंग कार्यक्रम भारतीय फुटबाल के सर्वश्रेष्ठ चीजों में से एक है। इसने खेल में पेशेवर रवैया बढ़ने में मदद की। हमने इसे आई-लीग में भी लागू किया है जिसने खिलाड़ियों के पूल का बढ़ने में मदद की है। हम इस लीग के जरिये 15 राज्यों से जुड़े और अब हमार लक्ष्य सभी राज्यों में अपनी पैठ बनाने की है।’’
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