राठी स्टील एंड पावर के अधिकारियों को 3 साल तक की जेल

[email protected] । Jul 27 2016 5:31PM

अदालत ने छत्तीसगढ़ में केसला उत्तरी कोयला ब्लाक के आवंटन में अनियमितता को लेकर राठी स्टील एंड पावर लि. के तीन अधिकारियों को आज अलग-अलग अवधि की कैद की सजाएं सुनाईं।

कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की विशेष अदालत ने छत्तीसगढ़ में केसला उत्तरी कोयला ब्लाक के आवंटन में अनियमितता को लेकर राठी स्टील एंड पावर लि. के तीन अधिकारियों को आज अलग-अलग अवधि की कैद की सजाएं सुनाईं जिनमें सबसे बड़ी सजा तीन साल की है। इन सभी को मामले में मंगलवार को दोषी ठहराया गया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने आरएसपीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) उदित राठी तथा प्रबंध निदेशक प्रदीप राठी को तीन-तीन साल की जेल तथा सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) कुशल अग्रवाल को दो साल की जेल की सजा सुनायी। तीनों को मंगलवार को दोषी ठहराये जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।

अदालत ने आरएसपीएल तथा उसके सीईओ पर 50-50 लाख रुपये तथा प्रबंध निदेशक पर 25 लाख रुपये तथा एजीएम पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आरएसपीएल तथा उसके तीन अधिकारियों को मंगलवार को मामले में दोषी ठहराया गया था। अदालत ने माना कि उन्होंने यहां तक कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समक्ष गलत जानकारी देकर सरकार के साथ धोखाधड़ी की। सिंह के पास उस समय कोयला मंत्रालय का कार्यभार भी था। अदालत ने कहा कि उन्होंने कोयला ब्लाक हासिल करने के लिये साजिश रची और गलत सूचना दी तथा राष्ट्रीयकृत प्राकृतिक संसाधनों का दुरूपयोग किया। अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) तथा 120-बी (आपराधिक साजिश) समेत विभिन्न धाराओं की तहत दोषी ठहराया।

इस बीच, अदालत ने उच्च अदालत में जाने के लिये सजा को एक महीने तक निलंबित रखने के दोषियों की अपील को स्वीकार कर लिया और दो लाख रुपये के निजी बांड तथा उतनी ही राशि के मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी। अदालत ने उन्हें जुर्माना भरने के लिये दो अगस्त तक का समय भी दिया है।

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